आखिर नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाले बगासपुर की महिलाओं ने मकान तोड़ने का क्यों किया विरोध ?


नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव विधानसभा के अंतर्गत बगासपुर गांव में एक औद्योगिक परियोजना के विरोध में ग्रामीणों ने शुक्रवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।पूर्व पार्षद जितिन राज के नेतृत्व में लगभग 200 से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्टर रजनी सिंह के नाम यह ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर देवंती परते को दिया है।ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि उद्योग विभाग की ओर से प्रस्तावित परियोजना के तहत करीब 250 मकानों को अवैधानिक रूप से चिह्नित किया जा रहा है। ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना और इंदिरा आवास योजना के तहत बने हैं, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय भी हैं। ये मकान गरीब, श्रमिक, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को आवंटित किए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन मकानों को तोड़ने या हटाने का अधिकार किसी भी विभाग या संस्था को नहीं है। मकान मालिक पिछले 20 से 30 सालों से यहां निवास कर रहे हैं और नियमित रूप से टैक्स भी अदा करते हैं।

ग्रामीणों ने मांग की है कि अगर किसी सरकारी योजना के लिए भूमि की जरूरत है, तो गरीब निवासियों को विस्थापित न किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि 250 से अधिक परिवारों को बेघर होने से बचाने के लिए परियोजना के लिए अन्य उपयुक्त भूमि का इस्तेमाल किया जाए।

ज्ञापन के साथ, ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना और इंदिरा आवास योजना से संबंधित दस्तावेज भी प्रशासन को सौंपे। 

मामले पर डिप्टी कलेक्टर देवंती परते ने बताया कि बगासपुर में उद्योग विभाग को भूमि आवंटित की गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस भूमि पर लगभग 25-30 वर्षों से प्रधानमंत्री आवास,इंदिरा आवास और शौचालय बने हुए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें वहां से न हटाकर उद्योग विभाग का काम पीछे की शासकीय भूमि से शुरू किया जाए। डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि ज्ञापन कलेक्टर को प्रेषित कर दिया गया है और इस पर आगे का निर्णय उनके द्वारा लिया जाएगा।

संवाददाता :- दीपक मालवीय