कोयला प्रेषण पर कबाड़ियों का गठजोड़ भारी,ओवरहेड तार काटे जाने से रेल परिचालन प्रभावित
रेल परिचालन के लिए लगे ओवरहेड बिजली तार ओएचई काटे जाने से कोयला ढुलाई में लगी मालगाड़ियों का परिचालन बृहस्पतिवार रात ठप हो गया। जानकारी के बाद रेलवे व कोल प्रबंधन के अधिकारियों में खलबली मच गई। घटना एनसीएल झिंगुरदा कोयला क्षेत्र के वार्फवाल कोयला लोडिंग प्वाइंट के पास की है। एनसीएल रेलवे के मुख्य ट्रैक तक साइडिंग लिंक लाइन के जरिए रेल रेक भेजता है। मुख्य ट्रैक के माध्यम से कोयला गंतव्य स्थान तक जाता है। साइडिंग लिंक लाइन की देखरेख एनसीएल के जिम्मे है। बताया जा रहा है कि झिंगुरदा वार्फवाल से रोजाना पांच से छ: रेल रेकों के माध्यम से 20 से 24 हजार टन कोयला भेजा जाता है। बृहस्पतिवार की रात 8 बजे के करीब ओवरहेड तार काटे जाने से पहले दो रेक कोयला निकाला जा चुका था, लेकिन इसके बाद प्रेषण बंद हो गया। बीते दिन शुक्रवार की सुबह इलेक्ट्रिक इंजन की जगह डीजल रेल इंजन की वैकल्पिक व्यवस्था कर दो रेक कोयला ही भेजा जा सका। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी दो बार तार काटने से परिचालन प्रभावित हो चुका है। रेलवे कर्मियों ने घटना के लिए एनसीएल सुरक्षा टीम को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि ओवरहेड तार तांबे का होता है। इसी कारण कबाड़ी गैंग का निशाना बन रहा है। कबाड़ियों को एनसीएल सुरक्षा टीम की सरपरस्ती मिलने से घटनाएं बढ़ी हैं। यह भी संज्ञान में लाया गया कि झिंगुरदा के सुरक्षा अधिकारी को संवेदनशील पद पर नियम विरुद्ध तैनाती की गई है। इनका दामन कोयला, कबाड़ चोरी को लेकर पहले से दागदार है और शिकायत पर जांच भी हो चुकी है। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो हालिया घटना से रेलवे व एनसीएल को हुई क्षति के आंकलन साथ घटना की जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इनका कहना है:-
ओएचई काटे जाने से कोयला परिवहन पर प्रभाव पड़ा है। इस मामले में पुलिस सुरक्षा टीम की मदद से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
राम विजय सिंह
प्रवक्ता, एनसीएल
संवाददाता :- आशीष सोनी

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