करीब 16 वर्षों से लटका अधुरे में पुलिया निर्माण,ग्रामीणों का आवागमन बंद बढ़ रही मुश्किलें


सिंगरौली की देवसर विधानसभा 81 क्षेत्र अंतर्गत क‌ई ऐसे गांव है जो विकास के अधूरे में अटके हैं विकास के वादों के बीच हकीकत यह है कि आज भी हजारों लोग एक अधूरी पुलिया एवं रोड ग्रामीणों को अब सर दर्द बन चुका है विकास के आस लगा कर बैठे आदिवासी ग्रामीण अंचल के लोग अब उम्मीद छोड़ दिए हैं देवसर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत तिनगुड़ी क्षेत्र अंतर्गत ओबरी बड़काडोल, धन्निहवा टोला तथा गन्नई पंचायत के खाड़ीटोला और बैरहाटोला के ग्रामीण पिछले 16 वर्षों से पुलिया निर्माण पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष बरसात में यहां अत्यधिक जलभराव हो जाता है, जिससे ट्रैक्टर के अलावा अन्य कोई वाहन गुजर नहीं पाता। स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमार मरीजों और रोजमर्रा के कामकाज से जुड़े लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।स्थानीय लोगों के अनुसार यह पुलिया वर्ष 2008–09 में स्वीकृत हुई थी, लेकिन सिर्फ एक महीने तक काम चलने के बाद निर्माण अचानक बंद कर दिया गया। तब से अब तक यह अधूरा ढांचा ग्रामीणों की उम्मीदों का प्रतीक बनकर खड़ा है। 500 मीटर की दूरी के लिए 7 किलोमीटर का सफर करते हैं पुलिया निर्माण अधूरा होने के कारण बड़काडोल से बैरहा तक पहुंचने में ग्रामीणों को सिर्फ 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 7 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इससे समय, श्रम और आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है।ग्रामीणों में नाराजगी, प्रशासन मौन ग्रामीणों में इस लंबे इंतजार को लेकर गहरी नाराजगी है। वे कई बार संबंधित विभागों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तत्काल इस अधूरे पुलिया निर्माण को प्राथमिकता में लेकर पूरा कराए, ताकि लगभग 5000 की आदिवासी आबादी को राहत मिल सके और उन्हें फिर से विकास की राह पर जुड़ेगा और ग्रामीण सहित छात्र-छात्राओं को को आवागमन में सुगम होगा।

संवाददाता :- आशीष सोनी