सरपंचों को हैं 25 लाख रूपए तक के कार्य कराने के अधिकार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में सरपंच के पास पर्याप्त शक्तियां हैं। सरपंच अपनी पंचायत को नई ऊंचाइयों पर लेकर जा सकते हैं। सरपंचों के माध्यम से ही प्रदेश में ग्राम विकास का कारवां चल रहा है। ग्राम स्तर पर सभी कल्याणकारी योजनाओं और विकास गतिविधियों का क्रियान्वयन पंचायतों के माध्यम से ही हो रहा है। पंचायत व्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से पंचायतों को 25 लाख रूपए तक के कार्य करने का अधिकार दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंचायत प्रतिनिधियों को विकास कार्यों के लिए 50-50 हजार रुपए की राशि अंतरित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के समान पंचायतों में भी विकास योजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। पंचायतों को गांव के विकास की योजना बनाने के लिए सक्षम बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों की कॉन्फ्रेंस आगामी 24 से 26 नवम्बर को होने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को जंबूरी मैदान पर आयोजित सरपंच संयुक्त मोर्चा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने तीनों स्तर के पंचायत संस्थान के लिए कार्यालय और गांवों के लिए सामुदायिक भवन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। इस अनुक्रम में प्रदेश की पंचायतों के लिए 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन तथा 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए हैं। गांव के शांति धाम भी व्यवस्थित रूप से विकसित हों, इस उद्देश्य से दिसम्बर 2026 तक सभी शांति धाम अतिक्रमण से मुक्त कर उनके पहुंच मार्ग बनाने और आवश्यक फेंसिंग और पौधरोपण कार्य के निर्देश दिए गए हैं। सुदृढ़ पंचायत राजव्यवस्था के माध्यम से आत्मनिर्भर पंचायत व समृद्ध मध्यप्रदेश के पथ पर राज्य सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2026 को कृषि आधारित उद्योग वर्ष के रूप में घोषित किया जाएगा।

संवाददाता :- लखन साहू