मध्य प्रदेश में रेलवे अपराधों में 52% की बढ़ोतरी, यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल


मध्य प्रदेश में रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। GRP की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार राज्य में रेलवे से जुड़े अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में 52% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रेलवे पुलिस ने बताया कि वर्ष 2022 में जहाँ 7,611 मामले सामने आए थे, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 11,551 पहुँच गई।

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक मामले चोरी से जुड़े रहे। यात्रियों के बैग, मोबाइल, पर्स और अन्य कीमती सामान चोरी होने की घटनाएँ बड़ी संख्या में दर्ज की गईं, जिनकी कुल संख्या 10,500 से अधिक रही। इसके अलावा डकैती के 128 मामले, हिंसक वारदातों के 199 मामले, और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी चिंताजनक बढ़ोतरी देखी गई है।

GRP अधिकारियों का कहना है कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों की बढ़ती संख्या, रात की ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था की कमी और निगरानी तंत्र पर बढ़ते दबाव के कारण अपराधों में तेजी आई है। वहीं प्रमुख जंक्शन—भोपाल, इटारसी, जबलपुर और इंदौर—अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य बनते जा रहे हैं।

इसी बीच, राज्य के कई स्थानों से बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई है। ग्वालियर में दो शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लाखों का माल बरामद किया गया। वहीं सतना में RPF और GRP की संयुक्त कार्रवाई में दो महिलाओं को शराब तस्करी करते पकड़ा गया।

यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती घटनाओं पर रेल प्रशासन अब सख्ती दिखा रहा है। GRP ने कई स्टेशनों पर AI-आधारित CCTV कैमरे, अतिरिक्त बल की तैनाती और "क्राइम हॉटस्पॉट मैपिंग" की शुरुआत की है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में रेलवे सुरक्षा को और प्रभावी बनाने की दिशा में नए कदम उठाए जाएंगे।

अपराधों की बढ़ती संख्या के बीच यात्रियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। GRP ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि यात्रा के दौरान अपने कीमती सामान को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना रेलवे पुलिस को दें।

संवाददाता :- मोहम्मद आरिफ