जनप्रतिनिधि या दबंगई? चितरंगी विधानसभा में मंत्री राधा सिंह के कथनों से नाराज़ जनता, राजनीतिक गलियारों में भूचाल
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भाषा और मर्यादा को लेकर विवाद भड़क उठा है। चितरंगी विधानसभा 79 की विधायक एवं मंत्री राधा सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे मंच से बेहद आपत्तिजनक और धमकी भरे स्वर में कहती दिख रही हैं—
"जेकर-जेकर भाव बढ़ा है, ओका कचरवो करब…"
वीडियो में मंत्री का यह बयान न केवल राजनीतिक सभ्यता की सीमा लांघता है, बल्कि यह संदेश देता है कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग जनता से बात नहीं कर रहे—उसे धमका रहे हैं।
जनता की भाषा में कहें तो—यह लोकतंत्र नहीं, ‘लोक-ठुकाई’ तंत्र का नमूना लग रहा है
वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या जनता का प्रतिनिधि इस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर सकता है? क्या मंत्री पद की शपथ में यह ‘अधिकार’ भी शामिल है कि जो सवाल करे, उसका “कचरवा” दिया जाए?
स्थानीय नागरिकों ने इसे “जनता का घोर अपमान” बताते हुए कहा कि जिस जनसमर्थन से मंत्री सत्ता में पहुंचीं, उसी जनता को अब धमकी के लहजे में संबोधित किया जा रहा है।
कुछ लोगों ने तंज कसते हुए लिखा—
“अब तो कॉलर ट्यून भी संभालकर रखना पड़ेगा… कहीं फोन उठाते ही मंत्री की शैली में आवाज न आ जाए— कचरवो करब।”
राजनीतिक तापमान गर्म, विपक्ष हमलावर
विपक्ष ने इसे सत्ता का चरम अहंकार बताते हुए कहा है कि मंत्री की भाषा प्रदेश में “दबंग राजनीति” की तस्वीर पेश कर रही है।विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से तत्काल स्पष्टीकरण और कार्रवाई की मांग की है।
विकास की जगह धमकी की भाषा—जनता हतप्रभ
चितरंगी की जनता का कहना है कि क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली, रोजगार जैसे मुद्दे जस के तस हैं, लेकिन मंचों से धमकी भरे बयान ज़रूर तेज़ी से दिए जा रहे हैं।
नागरिकों ने पूछा—
राजनीति का असली काम वादे निभाना है या जनता को डराना?
प्रशासन और सरकार की ‘चुप्पी’ सवालों के घेरे में
वीडियो वायरल होने के बावजूद न तो मंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है और न ही सरकार ने कोई प्रतिक्रिया दी है।इस चुप्पी ने विवाद को और गहरा कर दिया है।
मुद्दा सिर्फ शब्दों का नहीं—सोच का है
राजनीति में भाषा के स्तर का गिरना नई बात नहीं, लेकिन मंत्री स्तर पर ऐसी धमकी भरी अभिव्यक्ति लोकतंत्र की आत्मा पर चोट की तरह मानी जा रही है।
जनता साफ कह रही है—
“सेवकों से यह उम्मीद नहीं थी।”
संवाददाता :- आशीष सोनी

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