अन्नदाताओं पर प्रकृति ने बरसाया कहर, अतिवृष्टि से किसानों की आर्थिक कमर टूटी


सिंगरौली जिले में पॉच दिनों तक हुई बारिश ने अन्नदाताओं पर दोहरी मार की है। एक ओर जहां धान के अलावा अधिकांश खरीफ फसलें अत्यधिक बारिश से चौपट हो गई। वहीं दूसरी ओर बेमौसम बारिश ने धान समेत अन्य फसलों को बर्बाद कर दिया है। 

 यहां बताते चले कि पिछले सप्ताह जिले में पॉच दिनों तक रूक-रूक कर हुई बेमौसम बारिश से खेतों में सावन, भादौ, मास की तरह पानी जमा होने से अधिकांश धान समेत अन्य खरीफ फसलें सड़ गई। यहां तक कि किसान धानों को काट कर खेतों में रख दिया था और अब वह धान की फसलें अंकुरित होने लगी हैं। इस नजारे को देख किसान अपना माथा पीट रहे हैं। अब अन्नदाताओं को भविष्य की चिंता सताने लगी है। हालांकि कलेक्टर के निर्देश पर प्रभावित गांवों के फसलों के सर्वे कार्य चल रहा है। एसडीएम चितरंगी सौरव मिश्रा आज राजस्व अमले के साथ पिपरवान व बड़कुड़ गांव का मुआयना कर हालात का जायजा लिये।

 28 वर्षो बाद अन्नदाताओं पर आई ऐसी आपदा

जिले में पिछले सप्ताह पॉच दिनों की बारिश ने किसानों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है। जिले में लगातार सर्वाधिक बारिश होने से करीब-करीब अन्य फसलों की बुआई नही हो पाई। धान की फसले ज्यादा होने से अन्नदाताओं की निगाहें इसी पर टिकी थी। लेकिन रूठी प्रकृति ने किसानों के सारे सपनों पर पानी फेर दिया। यहां बताते चले कि वर्ष 1997 में सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में इसी तरह बारिश होने से किसानों पर मार पड़ी थी, लेकिेन ऐसी विपदा उस समय भी इतना नही आई थी। 

संवाददाता :- आशीष सोनी