अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों की अब तक नही हुई सार्वजनिक सर्वे,राजस्व विभाग का अमला दुविधा में, अन्नदाताओं में बढ़ रही नाराजगी
सिंगरौली में अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का सर्वे रिपोर्ट करीब 12 दिन बाद भी सार्वजनिक नही की गई। जबकि सर्वे के दौरान कलेक्टर का निर्देश था कि एक सप्ताह के अंदर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत कर दें। सर्वे रिपोर्ट देने में शायद इतना लेट लतीफी पहली बार हुआ है। इसके पीछे असली कारण क्या है, इसे तो राजस्व अधिकारी ही बता पाएंगे।
गौरतलब है कि एक पखवाड़ा पूर्व बेमौसम बारिश से धान समेत कई खरीफ फसलें तबाह हो गई। सबसे ज्यादा बेमौसम बारिश एवं अतिवृष्टि का असर चितरंगी, दुधमनिया, सरई समेत अन्य तहसीलों में रहा है। कलेक्टर गौरव बैनल ने राजस्व एवं कृषि विभाग के अमले को निर्देशित कर संयुक्त रूप से अतिवृष्टि से प्रभावित गांव के फसलों का सर्वे कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा था। कलेक्टर के निर्देश के करीब 12 दिन बाद भी सर्वे रिपोर्ट न तो सार्वजनिक की गई और न ही यह बताया जा रहा है कि कौन सी तहसील में कितने प्रतिशत फसलों को अतिवृष्टि से नुकसान पहुंचा है। जबकि पिछले सप्ताह संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेय ने कहा था कि सोमवार तक में सर्वे रिपोर्ट दे दी जाएगी। एक सप्ताह बाद भी रिपोर्ट का कोई अता पता नही है और है भी तो वे सार्वजनिक नही की जा रही है। पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री सम्पतिया उईके का जिले में आगमन हुआ है। जहां मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुये कहा था कि मैं खुद ही प्रभावित गांवों का दौरा करने जाउंगी, लेकिन बैढ़न से निकलते ही शायद अन्नदाताओं के पीड़ा को भूल गई और जब जिले के प्रभारी मंत्री ही अन्नदाताओं को भूल जा रही हैं तो, किसान दूसरे से उम्मीद क्या करेंगे। ऐसी चर्चाएं अब जहां अन्नदाताएं भी कर रहे हैं और कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार के साथ-साथ प्रभारी मंत्री एवं पंचायत मंत्री को आड़े हाथों लेते हुये किसान विरोधी बता रहे हैं। कांग्रेस पार्टी पूर्व जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी सरकार है। जिले में अतिवृष्टि हुई, कोई भी भाजपा का बड़ा नेता, मंत्री किसानों के बीच नही पहुंचे।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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