बड़ागांव में नकली डीएपी खाद का पर्दाफाश, तहसीलदार ने की बड़ी कार्रवाई


टीकमगढ़ जिले के नगर बड़ागांव में किसानों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहाँ पर नकली डीएपी खाद की बिक्री की जा रही थी। कलेक्टर विवेक श्रोतीय के आदेश पर तहसीलदार पलक जैन ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करते हुए नकली खाद की बोरियां जप्त की हैं और संबंधित दुकानदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ की है।मामला तब सामने आया जब बुधवार की सुबह कुछ किसानों ने स्थानीय दुकान से डीएपी खाद की बोरियां खरीदीं और उसका परीक्षण किया। सैंपल जांच में पाया गया कि यह खाद नकली और घटिया गुणवत्ता की थी। दरअसल, बाजार में सिंगल सुपर फास्टेक दानेदार खाद, जिसकी वास्तविक कीमत केवल 400 रुपये प्रति बोरी है, को डीएपी खाद की खाली बोरियों में भरकर 1900 से 2000 रुपये में बेचा जा रहा था।

कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे प्रकरण से अनजान बने हुए थे, जबकि खाद माफिया खुलेआम कालाबाजारी में लिप्त थे। किसानों के मुताबिक, रबी की फसल के लिए खाद नहीं मिलने से वे दर-दर भटक रहे हैं। इसी बीच कुछ स्थानीय दलालों ने सूचना दी कि दरगुवा रोड पर डीएपी खाद की बोरियां उपलब्ध हैं। किसानों ने मौके पर जाकर खाद खरीदी, लेकिन रास्ते में ही अन्य किसानों ने बताया कि यह खाद नकली हो सकती है।जांच के लिए जब खाद की बोरी खोली गई और उसके दाने किसान के हाथों पर रखकर पानी डाला गया तो खाद मिट्टी में बदल गई और हाथ काले पड़ गए। इससे साफ हो गया कि यह खाद पूरी तरह नकली है।किसान लक्ष्मण रैकवार और एक अन्य किसान ने बताया कि उन्हें यह नहीं पता था कि कौन सी खाद असली है और कौन सी नकली। वे केवल अपनी फसल बचाने के लिए खाद खरीद रहे थे।मामले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर विवेक श्रोतीय ने तुरंत संज्ञान लिया और तहसीलदार पलक जैन को कार्रवाई के निर्देश दिए। तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर दोनों नकली खाद की बोरियां जब्त कीं और सैंपल जांच के लिए भेजे।उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति किसानों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी करने की हिम्मत न कर सके। प्रशासन ने कृषि विभाग को भी निर्देशित किया है कि जिलेभर में खाद विक्रेताओं की जांच की जाए और नकली खाद बेचने वालों पर निगरानी बढ़ाई जाए।यह मामला इस बात का उदाहरण है कि किस तरह खाद माफिया किसानों की मेहनत और फसलों से खिलवाड़ कर रहे हैं, जबकि प्रशासनिक लापरवाही से ऐसे गिरोह फल-फूल रहे हैं। हालांकि, कलेक्टर और तहसील प्रशासन की तत्परता से अब यह उम्मीद जगी है कि ऐसे माफियाओं पर अंकुश लगाया जाएगा।

संवाददाता :- मुहम्मद ख्वाजा