सीधी में किसानों का बवाल : फसल बर्बाद, सर्वे तक नहीं; कमलेश्वर पटेल ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
धरने की शुरुआत तीखी नोकझोंक से
किसान तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने पहुंचे, लेकिन तहसीलदार के इनकार करने पर बवाल हो गया। कमलेश्वर पटेल ने SDM पर जमकर भड़ास निकाली और कलेक्टर के न आने पर नाराजगी जताई। मंच से उन्होंने चेतावनी दी कि अगर धरना जारी रहा तो पूरे जिले में आंदोलन उग्र हो जाएगा। अंत में ADM को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें फसल नुकसान का सर्वे कर तुरंत मुआवजा देने की मांग की गई। धरने में कांग्रेस नेता, किसान और ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कमलेश्वर पटेल के गंभीर आरोप
धरना स्थल पर पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सरकार और जिला प्रशासन पर करारे हमले बोले। उन्होंने कहा, “जिले भर में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है, लेकिन अब तक मुआवजा तो दूर, सर्वे तक शुरू नहीं हुआ। पटवारी गांवों में नहीं पहुंचे। सरकार ने कोई नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया। किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है। एक सप्ताह में ठोस कार्रवाई न हुई तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेगी और सोई हुई सरकार को जगाएगी।
दूसरी तरफ सीधी-सिंगरौली के सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कांग्रेस की 18 महीने की सरकार को ‘एक्सीडेंटल’ बताते हुए कहा, “कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी है, इसलिए यही करेंगे। हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। जो नुकसान हुआ, उसका पूरा मुआवजा दिया जाएगा।”
सिंगरौली संभाग के विभिन्न जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि से धान, उड़द, मूंगफली सहित कई फसलें चौपट हो गईं। किसान राहत की आस में हैं, लेकिन सर्वे और मुआवजे में देरी से गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस इसे भुनाने में जुटी है, जबकि भाजपा इसे पुरानी सरकार की नाकामी बता रही है।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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