वर्ष 2023 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन
लोक अदालत में आपसी सहमति से कुल 13309 मामलों का समाधान हुआ
नेशनल लोक अदालत में कुल निराकृत प्रकरणों की संख्या 13309 रही और लगभग 44 करोड़ 38 लाख रुपए के अवार्ड भी पारित हुए। लंबित रेफर्ड प्रकरणों की कुल संख्या 19685 में से निराकृत लंबित प्रकरणों की कुल संख्या 1746 रही प्रि-लिटिगेशन रेफर्ड प्रकरणों की कुल संख्या 49514, निराकृत प्रि-लिटिगेशन प्रकरणों की कुल संख्या 11563,चेक बाउंस से संबंधित निराकृत 642,कुल प्रकरणों की संख्या मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित निराकृत कुल प्रकरणों की संख्या 333, आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों की संख्या 493,विद्युत अधिनियम प्रकरणों की संख्या 126, श्रम विभाग से संबंधित प्रकरणों की संख्या 5,यातायात नियमों के उल्लघन संबंधी ई-टैफिक चालान 2503,जलकर एवं सम्पत्ति कर संबंधी प्रकरणों की संख्या अन्य प्रकरणों की संख्या 7790, पारिवारिक प्रकरणों की संख्या 126, बैंक रिकवरी प्रकरणों की संख्या 162 व्यवहार बाद प्रकरणों की संख्या 60, चेक बाउंस एवं मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित एक दिन में कुल प्रकरण निराकृत हुए जिनका निराकरण नियमित न्यायालय में एक वर्ष से अधिक अवधि में भी होना संभव नहीं था। नेशनल लोक अदालत में अभी तक प्राप्त आकंड़ो के अनुसार कुल निराकृत प्रकरणों की संख्या 13309, नेशनल लोक अदालत में कुल अवार्ड राशि 443814291 के पारित हुए है। जिला न्यायधीश कुमार श्रीवास्तव के द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर नेशनल लोक अदालत का शनिवार को शुभारंभ किया गया । कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश, सचिव एस.पी.एस. बुन्देला, जिला न्यायालय भोपाल के समस्त न्यायाधीशगण, पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायणचारी मिश्र, विशेष न्यायाधीश कमल जोशी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पी.सी. कोठारी एवं जिला अभिभाषक संघ भोपाल के सदस्यगण एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय सिंह उपस्थित रहे। जिले में नेशनल लोक अदालत में कुल 62 खण्डपीठों का गठन किया गया। नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय भोपाल के प्रवेश द्वार स्थित हॉल में विधि विद्यार्थियों द्वारा रंगोली बनायी गयी तथा विधिक सेवा प्राधिकरण की समस्त योजनाओं के प्रिंट लगाकर आमजन को बताया गया साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनओं के पेम्पलेट वितरित किये गये । जिला भोपाल में नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रीलिटिगेशन के ट्रैफिक ई चालान जमा करने की सर्वप्रथम शुरूआत की गयी। जिसे प्रदेश के सभी महानगरो में ट्रैफिक - ई चालान के प्रीलिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे जाने लगे । लोक अदालत के सफल आयोजन में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, न्यायाधीशगण का भरपूर सहयोग रहा ।
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