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शाम ढलते ही सड़क बन जाती है मयखाना,सड़कों पर छलकते हैं जाम

 शाम ढलते ही सड़क बन जाती है मयखाना,सड़कों पर छलकते हैं जाम

भले ही पुलिस अधिक्षक शहर की कानून व्यवस्था चाक चौबंद करने में जुटे हुए है। काफी हद तक जिले के कानून व्यवस्था में सुधार हुआ हैं। एसपी ने कम दिनों में बड़ी कार्रवाई कर जिले में बेहतर पुलिसिंग जमाई है। लेकिन कुछ थाना चौकी क्षेत्रों में प्रयास के बाद भी कानून व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है। ताजा मामला शासन चौकी क्षेत्र का प्रकाश में आया हैं। चौकी क्षेत्र अन्तर्गत खुलेआम शराब की नशाखोरी चल रही है। शाम ढलते ही बाजार की सड़कें मयखाने में तब्दील हो जाती हैं। यूं तो सार्वजनिक स्थल पर शराब पीना अपराध है, लेकिन पुलिस की मेहरबानी से खुलेआम शासन के बाजार में देर रात तक नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं।

किस काम की पुलिस चौकी

प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन चौकी क्षेत्र में शराब, के साथ साथ गांजा, रेत जैसे कई कारोबार है जो एसपी साहब के भय से चोरी छिपे फल फूल रहे है। ये हम नही लोग कह रहे है। लेकिन जिस प्रकार से गोमती में, घरों में, सड़को में शराब परोसी जा रही है। जिसकी चर्चा समूचे शासन क्षेत्रों में हैं। बाजार के व्यापारियों का कहना है क्षेत्र में बनी शासन पुलिस चौकी किसी काम की नहीं हैं। क्षेत्र में अपराध पर अंकुश लगाने में चौकी प्रभारी कठोर प्रयास नहीं कर रहे है। ऐसी में स्थानीय लोगो में शासन पुलिस के प्रति आक्रोश व्याप्त है। 

शटर के नीचे से मिलती है शराब

व्यापारियों का आरोप है कि सुबह बाजार खुलने का जो टाइम निर्धारित है, उससे पहले ही ठेके खुल जाते हैं। रात 10 बजे बाजार की दुकानें बंद करने का ऑर्डर है, लेकिन ठेके आधी रात तक खुले रहते हैं। देर रात तक सड़क पर नशाखोरों का कब्जा रहता है। ठेके बंद होने के बाद शटर गिराकर भी नीचे से शराब बेची जाती है। समाज में गलत संदेश फैल रहा है। हालाकि शासन चौकी प्रभारी की गिनती तेज, चतुर, होशियार सब इंस्पेक्टर में होती है। उम्मीद लगाई जाती हैं की जल्द ही क्षेत्र में फैली अस्वस्वस्था पर अंकुश लगाएंगे।

संवाददाता : पंकज तिवारी

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