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क्या शिवराज सिंह इस बार चुनाव हार जाएंगे? ऐसे अनुमान के पीछे है बड़ा कारण

 क्या शिवराज सिंह इस बार चुनाव हार जाएंगे? ऐसे अनुमान के पीछे है बड़ा कारण

मध्यप्रदेश के इतिहास में एक ऐसा मिथक बना हुआ है कि एक विशेष मंत्रालय जिसका कार्यभार जिस  मंत्री के पास रहा है अगले विधानसभा चुनाव में वह चुनाव हारा ही है। हम बात कर रहे हैं महिलाओं एवं बच्चों के उन्नत जीवन एवं विकास के लिए कार्य करने वाले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की। विशेषकर इस मंत्रालय की जिम्मेदारी महिला नेताओं को ही सौंपी जाती है लेकिन कुछ आंकड़े बड़े डरावने हैं जो कि यह बताते हैं कि जिसने भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है उसे अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है

2003 में महिला एवं बाल विकास मंत्री रही कुसुम मेहेंदले 2008 में मात्र 48 वोटों से हार गई थी, 2007 की महिला एवं बाल विकास मंत्री रंजना बघेल 2008 में मनावर से अपना विधानसभा चुनाव हारी थी. 2013 की महिला एंव बाल विकास मंत्री माया सिंह 2018 में अपना चुनाव हारी, ठीक इसी प्रकार ललिता यादव भी महिला एवं बाल विकास मंत्री बनने के बाद चुनाव हारीं. इसी प्रकार पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस और इमरती देवी के भी ऐसा ही हुआ हालांकि, कांग्रेस की नेत्री और नेता प्रतिपक्ष रही स्वर्गीय जमुना देवी  महिला एवं बाल विकास मंत्री भी रहीं और उसके बाद चुनाव भी जीतीं थी।

रोचक बात यह है कि इस बार यह मंत्रालय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। हो सकता है कि बाकी मंत्रियों ने यह मंत्रालय संभालने से मना कर दिया हो लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सीएम को इस बार अपनी कुर्सी गंवानी पड़ सकती है? यह अपने आप में देखने वाली बात होगी.

संवाददाता : पुष्पेंद्र सिंह


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