खुरई विधानसभा के ग्रामीणों को नहीं मिल रहा राशन,खा रहे दर दर की ठोकरे
शासन भले कितने ही प्रयत्न करें हितग्राही मूलक योजनाएं बनाएं। परंतु सोसाइटी संचालकों की मनमानी के आगे शासन की योजनाओं को पलीता दिखाते हुए स्वयं के लाभ के लिए कर रहवास है काम। हितग्राही भटक रहे अपना राशन पाने को जानकारी के अनुसार ग्राम माला के धर्म पूरी ने बताया कि मेरी मां रूपरानी को 4 महीने से राशन नहीं दिया गया एवं मुझे 2 महीने से राशन नहीं दिया गया।धरमपुरी ने बताया की राशन न मिलने की शिकायत मेने पहले ग्राम खिमलासा के सरपंच से की थी परंतु उन्होंने कोई ध्यान ही नहीं दिया ।जाहिर सी बात है की बोट लेने के समय ही मतलबी नेताओं को बोटर नजर आते है।इसके बाद उनकी नजर में वोटर की कोई कीमत नहीं होती।फिर इसके बाद,समिति संचालक से कहा पर उन्होंने नियमो का हवाला देते हुए हितग्राही को राशन उपलब्ध नहीं कराया है।जबकि हितग्राही द्वारा संचालक से कहे जाने पर उन्होंने यह भी कह दिया कि जहां जाना हो तुम जा सकते हो कोई मेरा कुछ भी नहीं कर सकता है।आप देख सकते है इस तरह का हितग्राही से बर्ताव करना क्या उचित है।इस कारण ऐसे और भी हितग्राही भटकने को मजबूर है।आपको बतादे अनियमितताएं और भी कई है।बता दूं अधिकतर दुकान बंद पाई जाती है।दुकान के बाहर संपर्क नंबर ही नही। न ही दुकान खुलने बंद होने का समय है।सूचना पटल पर स्टॉक,एवं वितरण की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती।
खास बात यह की शासकीय योजनाओं से संबंधित स्लोगनों एवं अधिकारियों के नंबर भी लिखना शासनादेश में जरूरी बताया गया है।बावजूद इसके, संचालक द्वारा शासन के आदेशों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही है।इसके अलावा भी कई कमियां देखने में आ रही है। इससे बड़ी बात यह नजर आती है की कोई अधिकारी या जिम्मेवार इसको चेक करने ही नही आता। इस कारण मिली भगत की आशंका नजर आती है।हालांकि जब खाद्य अधिकारी को जानकारी लगी तो इन्होंने क्या कहा।
संवाददाता : हरिकृष्ण सोनी
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