आज थैलेसीमिया दिवस है रक्त का विकल्प नहीं होता, रक्तदान करें
प्रदेश में हजारों की संख्या में थैलेसीमिया से ग्रसित बेटा बेटी है दमोह में भी लगभग 32 थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चे हैं जिनके लिए निरंतर ही ब्लड की आवश्यकता पड़ती है उनका जीवन ब्लड से ही चलता है किसी बच्चे को 8 दिन में किसी को 15 दिन में लगातार ही ब्लड चढ़ाना पड़ता है और यह ब्लड आप और हम जैसे रक्तदाता ही रक्तदान करके उनको उपलब्ध कराते हैं तो आज के दिन हम यह संकल्प लें कि थैलेसीमिया बच्चों और समय-समय पर जरूरतमंदों के लिए रक्तदान अवश्य करेंगे क्योंकि रक्त का कोई विकल्प नहीं है रक्त मानव शरीर से ही निकाल कर दूसरे व्यक्तियों या थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए चढ़ाया जाता है रक्तदान करने से किसी भी प्रकार से कोई कमजोरी नहीं आती 18 से 60 साल की उम्र का स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से ऊपर हो। हीमोग्लोबिन 12 पॉइंट से ऊपर हो और वह कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं हो तो वह व्यक्ति हर 3 माह में रक्तदान कर सकता हैl
आज देखने में आता है बेटियां मातृशक्ति महिलाएं भी निरंतर रक्तदान कर रही हैं जब वह रक्तदान कर सकती हैं तो हम क्यों नहीं? हम सभी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कर्तव्य फर्ज है कि मानव होने के नाते हम सभी थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए और अन्य जरूरतमंद लोगों के लिए रक्त दान जरूर करे...
संवाददाता : प्रशांत मिश्रा
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