गांजे की कश में धुआं बनकर उड़ रही युवाओं की जिंदगी
पुलिस अधीक्षक की कमान जब से यूसुफ साहब ने संभाली तब से अवैध कारोबार पर काफी हद तक अंकुश लगा हैं। कारोबारियों को डर है की किसी प्रकार से अवैध धंधे को अंजाम देंगे तो कठोर कार्यवाई हो जायेगी। साथ ही एसपी समाज के बीच पुलिस की बेदाग छवि को साफ छवि में परिवर्तित करने में जुटे हुए है। एसपी का प्रयास काफी हद तक सफल दिख रहा है। लेकिन आज भी कुछ थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी के ढुलमुल कार्यप्रणाली के चलते एसपी साहब की प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 40 किलो की दूरी पर स्थित माडा थाना क्षेत्र में मादक पदार्थों की बिक्री हो रही है। खुलेआम दिन के उजाले में नशा बिक रहा है। ऐसी में माडा पुलिस के ऊपर सवाल खड़े हो रहे है।
कौन है सूरदास..?
कहते है की नशा नाश की जड़ है। नशे से जीवन बर्बाद हो रहा है। ऐसे में माडा क्षेत्र में नशा चारों ओर बहुत तेजी से फैल रहा है। स्थानीय लोगों के लिए नशा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इन नशे के कारोबारियों पर माडा पुलिस भी बैकफुट में नजर आ रही है। सूत्र बताते है की मकरोहर से एक किलो मीटर पहले सड़क किनारे सूरदास नामक बुजुर्ग युवक अपने घर में गांजे की बिक्री कर रहा है। समूचे क्षेत्र में सूरदास और सूरदास की गांजा की महक दोनो बहुचर्चित है। ऐसे में प्रश्न ये उठता है की आखिर ये सूरदास कौन है जो खुलेआम माडा थाना प्रभारी को चुनौती देकर नशा की बिक्री कर रहा है।
खबर के बाद नोटिस की देते है धमकी
कहते है की सत्य कड़वा होता हैं। लेकिन ये भी है की सत्य छिप नहीं सकता है। अगर कोई माडा थाना क्षेत्र में हो रहे अवैध कारोबार की खबर प्रकाशित करता है तो साहब को राश नही आता और साहब के मन में तत्काल नोटिस का खयाल आता है। अभी बीती दिनों पूर्व थाना क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध परिवहन पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया गया था। ख़बर पढ़ने के बाद थाना प्रभारी ने तीसरे व्यक्ति से नोटिस देने की बात कह रहे थे। ऐसे में गांजे की ख़बर पढ़ने के बाद पुन: साहब के मन में नोटिस का खयाल आएगा। लेकिन एक बात याद रखिए लिखने के पहले कुछ रख लेते है जिसे कानून की भाषा में सबूत कहते है।
संवाददाता : पंकज तिवारी
0 Comments