रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर बेरोजगार युवा
पन्ना - देश में बढ़ती बेरोजगारी आज एक अहम मुद्दा बन गई है जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होता दिखाई दे रहा है साथ ही परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से व्यक्ति अपने क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध ना होने की वजह से रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं आजकल लाखों की संख्या में उच्च शिक्षा ग्रहण करके बेरोजगार युवा अपने क्षेत्रों से पलायन कर दूसरे क्षेत्रों में रोजगार पाने के लिए विवश है। भारत में करोड़ों की संख्या में बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में घूम रहे हैं जहां युवा परिवार के पालन पोषण एवं पैसे कमाने की चाहत में नौकरी की तलाश में हैं वहीं सत्ता इसी बेरोजगारी पर चुनाव में रोजगार दिलाने के नए-नए वादे करती है बेरोजगार युवाओं को तरह-तरह के सपने दिखाए जाते हैं उसके बावजूद भी रोजगार के लिए जबरदस्त मांग उठ रही है। ज्यादातर इलाकों से युवाओं की यही मांग सामने आ रही हैं कि स्थानीय क्षेत्र रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराए जाएं जिसमें औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़कर कुछ हद तक बढ़ती बेरोजगारी पर लगाम लगाया जा सके,बेरोजगारी को कम करने के लिए औद्योगिक गतिविधियों का विकेंद्रीकरण आवश्यक है,यदि औद्योगिक गतिविधियों को एक स्थान पर केन्द्रित किया जाता है, तो अविकसित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम होंगे, इसके लिए सरकार को ऐसी नीतियों को अपनाना चाहिए जो औद्योगिक गतिविधियों के विकेंद्रीकरण को प्रोत्साहित करें अर्थात छोटे-छोटे रूपा में औद्योगिक इकाइयों को स्थापित कर युवाओं को रोजगार दिया जाए। दरअसल बेरोजगारी दर श्रम शक्ति का वह हिस्सा है जिसके पास नौकरी नहीं है। किसी देश की बेरोजगारी दर वर्तमान आर्थिक स्थिति के आधार पर गिरती और बढ़ती है बेरोजगारी की दर एक अपंग अर्थव्यवस्था के साथ बढ़ती है और यह घट जाती है तो अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाती है बेरोजगारी से किसी भी व्यक्ति में हताशा और हीन भावना भर सकती है परिवार के सदस्यों पर ऐसा व्यक्ति आर्थिक और भावनात्मक रूप से भार बनने लगता है क्योंकि परिवार का वह व्यक्ति बेरोजगारों की श्रेणी में शामिल हो जाता है इस तरह हम कह सकते हैं कि बेरोजगारों की बड़ी फौज अर्थव्यवस्था के लिए भी भार बन जाती है और बेरोजगारी बढ़ने से अपराध दर बढ़ जाता है।बड़े पैमाने पर मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण है इनके कारण मनुष्य के श्रम की आवश्यकता बहुत कम हो गई है। इसके अलावा जनसंख्या की वृद्धि के अनुपात से उत्पादन की कमी तथा रोजगार के अवसरों में कम वृद्धि होती है।सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने कहा कि मार्च 2023 में भारत की बेरोजगारी दर 7.8% से बढ़कर मार्च 2023 में 8.11% हो गई, जो श्रम भागीदारी दर में वृद्धि का कारण थी, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है इस बेरोजगारी की स्थिति के कारण जनसंख्या वृद्धि, दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली, कृषि पर अत्यधिक बोझ, कृषि क्षेत्र में कम उत्पादकता के साथ कृषि श्रमिकों के लिए वैकल्पिक अवसरों की कमी,अकुशल कार्यबल आदि हैं ।
संवाददाता: संतोष लोधी
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