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पॉलिथीन के इस्तेमाल पर नहीं है कोई रोक टोक, तो प्रतिबंध के बावजूद भी पूरे जिले में हो रही इस्तेमाल, सक्षम अधिकारी सो रहे कुंभकरण की नींद

 पॉलिथीन के इस्तेमाल पर नहीं है कोई रोक टोक, तो प्रतिबंध के बावजूद भी पूरे जिले में हो रही इस्तेमाल, सक्षम अधिकारी सो रहे कुंभकरण की नींद

सागर/ आज सागर शहर सहित पूरे जिले में पॉलीथिन का उपयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, और इसका सबसे अधिक उपयोग किराना दुकानों से लेकर फल ,सब्जी ,कपड़ो की दुकानों में बिना किसी रोक टोक के  हो रहा है। सक्षम अधिकारियों का इस और कोई ध्यान नहीं है, लोगों में पॉलीथिन के उपयोग के प्रति जन जागरूकता कम होने के कारण वह सिंगल यूज़ पॉलिथीन का इस्तेमाल कर यहां वहां,सड़क किनारे फेंक देते हैं।
वही पॉलिथीन जब जमीन पर पड़ती है तो इस जमीन को बंजर बना देती है, लोग आमतौर पर खाद्य पदार्थ पालीथिन में डालकर सड़क पर फेंक देते है ,जब कोई बेजुबान जानवर उस पॉलिथीन को खाद्य पदार्थ समझकर खा लेता है तो वह उसकी आँतो में फस कर उसकी जान की दुश्मन बन जाती है। और वही पॉलिथीन नालियों में फंसकर जलभराव की स्थिति उत्पन्न करती हैं, साथ ही नदियों को भी प्रदूषित करती हैं। पालीथिन को जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जिससे घुटन महसूस होती है,और स्वसन तंत्र खराब होता हो जाता है। जिसके कारण मनुष्य की प्रजनन  क्षमता भी प्रभावित होती है और मनुष्य नपुंसकता का शिकार हो जाता है।
प्रशासन के ढीले रवैए के कारण , और कुछ दिनों से नगर निगम द्वारा शहर में पॉलिथीन को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई,इसके कारण पॉलिथीन फिर बाजारों में बिकने लगी।
साल 2019 में मध्य प्रदेश सरकार ने पॉलीथिन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था और दावा भी किया था कि 22 तक पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह से बंद हो जाएगा। जो दावा सरकार ने किया था अब बह पूरी तरह से बेअसर हो गया, पॉलिथीन बंद अभियान को लेकर जन जागरूकता के साथ प्रशासन को कड़ी सख्ती करनी चाहिए।
संवाददाता अनिल अहिरवार


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