साहब कभी नही थी ऐसी अंधेरगर्दी..आरटीओ उप चेक पोस्ट जयंत पर मची है लूट
चालक हो रहे परेशान,बंद कमरे में चौरसिया बना मास्टरमाइंड
सिंगरौली। जिले के सीमावर्ती इलाके में स्तिथ सभी आरटीओ उप चेक पोस्ट पर किस प्रकार वसूली की जाती है आप सभी भली-भांति जानते हैं समझते हैं, लेकिन इन अवैध वसूली पर अंकुश लगाने के लिए किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं दिख रही है। वैसे तो जिले के सभी उपचेक पोस्टों पर वसूली का खेल जारी है लेकिन आज बात करेंगे जयंत-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर स्थित उपचेक पोस्ट जयंत की जहां अन्य राज्यों से आने वाले व जिले के भारी वाहनों से कागज जांचने के नाम पर घंटों रोक कर पैसे की मांग की जाती है। अगर चालक ये पूछ ले की रसीद में लिखे पैसे से ज्यादा क्यों मांग रहे है तो चेक पोस्ट पर उपस्थित गुर्गों द्वारा मारपीट किया जाता है। ऐसे मे चर्चा है की इस प्रकार की अंधेरगर्दी कभी नही थी।
मारपीट पर हो जाते हैं उतारू
जयंत उपचेक पोस्ट पर वसूली का खेल प्रत्येक वाहनों से महीने के रूप में राशि ली जाती है। जिस वाहन से एंट्री ले लें जाती है उसके एवज में चालको को पीली, गुलाबी राशिद दी जाती है। जिसको दिखने से वाहन चेक पोस्ट पर नही रोका जाता है। अब इन बातों पर कितनी सत्यता है यह तो जांच के बाद ही सबके समक्ष आएगा। लेकिन उपचेक पोस्ट पर हो रही वसूली से तंग आकर वाहन स्वामी कई बार ज़िम्मेदार अधिकारियों से की लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है यहा तक की चेक पोस्ट पर वसूली की शिकायत सीएम तक भी जा पहुंची है। ऐसे में अनुमान लगाया जाता है कि चेक पोस्टों की वसूली से चालक किस हद तक परेशान है।चालक बताते हैं कि अगर वाहन के पेपर सही रहते हैं तो जबरन वजन, पहिए का साइज कोई न कोई कमी बता कर रकम की मांग की जाती हैं न देने कर मारपीट के साथ कई दिनों तक वाहनों को खडा करा लिया जाता है।
बंद कमरे में चौरसिया बना मास्टरमाइंड
उप चेकपोस्ट जयंत पहुंचते ही सभी वाहन चालकों के मन में एक सवाल झट से आता है कि इस चेक पोस्ट पर वाहन ना रुके नहीं तो पांच-दस हजार से नीचे बात नही होगी। कहते है की हर खेल के पीछे एक ऐसा व्यक्ति रहता है जो पुरे खेल में मास्टरमाइंड की भूमिका निभाता है ठीक उसी प्रकार चेकपोस्ट कर वसूली के खेल में मास्टरमाइंड कि भूमिका चौरसिया नामक व्यक्ति निभा रहा है। जयंत उप चेक पोस्ट के अंदर एक बंद कमरा है जिसमे लंबी वाली गद्देनुमा कुर्सी पर बैठ कर चौरसिया गर्ग को इशारा देता है। सूत्र बताते हैं कि आरटीओ के साहब से अच्छे संबंध होने के कारण जयंत चेक पोस्ट की जिम्मेदारी साहब ने चौरसिया के कंधों पर दे रखी है। जिससे चौरसिया अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे है।
संवाददाता आशीष पांडेय,पंकज तिवारी
0 Comments