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नगर निगम के सेटिंगबाज कार्यपालन यंत्री उपाध्याय साहब, लम्बे समय से एक ही विभाग में जमें शासन के स्थांतरण नियमों की इन्हे फिक्र नहीं,भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा

नगर निगम के सेटिंगबाज कार्यपालन यंत्री उपाध्याय साहब, लम्बे समय से एक ही विभाग में जमें

शासन के स्थांतरण नियमों की इन्हे फिक्र नहीं,भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा


सिंगरौली। भ्रष्टाचार और मनमानी रोकने के लिए शासन ने सरकारी दफ्तरों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को हर 3 साल में इधर से उधर करने का प्रावधान किया हुआ है। लेकिन नगर निगम में सिंगरौली में इसका पालन नहीं हो रहा। सिंगरौली नगर निगम के दफ्तर में अधिकारी कर्मचारी वर्षों से एक ही स्थान पर कुंडली मारकर बैठे हैं। वैसे तो नगर निगम सिंगरौली में कई अधिकारी है जो एक ही विभाग व जगह में कई वर्षों से जमे है। लेकिन आज बात करेंगे सिंगरौली नगर निगम के सेटिंगबाज कार्यपालन यंत्री उपाध्याय साहब की जिनकी चर्चा पूरे नगर निगम में हर पल होती रहती है। साहब ने न जानें कौन सा शातिराना दिमाग खेला है जिससे 5 से 10 वर्षों से नगर निगम में एक ही विभाग में जमे हैं यहां हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं।ऐसे में देखना होगा की आयुक्त किस प्रकार की कार्यवाही करते है। 


नियम का फिक्र नहीं,भ्रष्टाचार को मिला बढ़ावा

 

शासन अधिकारी-कर्मचारियों का एक विभाग से दूसरे विभाग में ट्रांसफर करने के लिए नियम बनाया हुआ है कि एक जगह जमे अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त ना हो सके। लेकिन इसके बाद भी नगर निगम सिंगरौली में 3 साल से ट्रांसफर करने के लिए नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। बताया जाता है कि जो अधिकारी कर्मचारी नियुक्ति के समय से एक ही विभाग में जमे हुए हैं वे मनमानी कर रहे हैं आरोप है कि बिना लिए दिए कोई कार्य नहीं करते हैं इन्होंने ऐसी व्यवस्था बना रखी है कि इनके उस विभाग का कोई कार्य नहीं होता है अधिकारी मजबूरी में इनका तबादला नहीं कर पाते हैं। 

राजनीतिक पकड़ की चर्चा,लक्जरी वाहन दे आते है दफ्तर 

जिल के नगर निगम दफ्तर में प्रवेश करते ही सब के जुवां पे एक ही बात रहती है कि सेटिंग हो तो उपाध्याय साहब जैसे कोई भी नए आयुक्त आए साहब को डिस्टर्ब नहीं कर सकते है। साहब का एक अलग ही भौकाल है चर्चा है की साहब 10 बजे तक लक्जरी वाहन से दफ्तर आते है। समूचे दफ्तर में साहब की एक अच्छी पकड़ है। यहां तक की लोग ये भी कहते है की साहब की राजनीतिक नेताओं से मजबूत पकड़ है। जिससे ये सब संभव रहता है। जिससे कई बार इनके खिलाफ धरना प्रदर्शन भी हुआ लेकिन न किसी प्रकार की जांच ना तो ट्रांसफर हुआ। हालाकि देखना होगा की खबर के बाद आयुक्त क्या कार्रवाई करते है। 

संवाददाता पंकज तिवारी, आशीष पांडेय 

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