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लॉबिंग करने वालों को मिल रही तरजीह,टिकट के दावेदार के लिए समर्थन पत्र जुटाने की चल रही चाल, भाजपा संगठन में आपसी घमासान जोरों पर।

 लॉबिंग करने वालों को मिल रही तरजीह,टिकट के दावेदार के लिए समर्थन पत्र जुटाने की चल रही चाल, भाजपा संगठन में आपसी घमासान जोरों पर।



भारतीय जनता पार्टी सिंगरौली के संगठन में ऐसे कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जा रही है जो अपने आकाओं के इशारे पर लॉबिंग करने के लिए तटस्थ रहें। पहले विधानसभा चुनाव के लिए लॉबिंग की जायेगी। यदि इसमें टिकट नहीं मिला तो लोकसभा में आजमाया जायेगा। ऐसा चाल भाजपा संगठन के अंदर तहखाने से बात निकलकर सामने आ रही है।

गौरतलब हो कि भारतीय जनता पार्टी सिंगरौली के संगठन में उठा-पटक जोरों से चल रहा है। संगठन में विस्तार एवं फेरबदल से जमीनी पकड़ रखने वाले कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा किये जाने के भी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर आरोप लग रहे हैं। कुछ महीने पहले मण्डल जयंत के अध्यक्ष के नियक्ति को लेकर भाजपा संगठन में जमकर रार हुआ था। यह मामला किसी तरह जब ठण्डा पड़ा तो जिला कार्य समिति  में कुछ नेताओं को जगह दी गयी है। इसमें एक कार्यकर्ता का नाम प्रमुखता के साथ लिया जा रहा है। जिसने पूर्व में कांग्रेस पार्टी का गुणगान करता था और अचानक सुर बदल गये हैं। जिन्हें ईनाम तौर पर जिला युवा मोर्चा का प्रभारी भी बना दिया गया। यहां बताते चलें कि करीब दो महीने पहले जिला कोर कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी। जहां उक्त कथित कार्यकर्ता को जिला उपाध्यक्ष बनाने की कवायद की जा रही थी। किन्तु बैठक मेें ही उनके नाम पर विरोध हुआ। अब उन्हें कुछ दिन बाद जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता ने अपनी जिला कार्यकारिणी में तरजीह दिया। बाद में भाजयुमो जिला का प्रभारी बना दिया। इसी तरह एक मण्डल में दो-दो युवा मोर्चा मण्डल अध्यक्ष बना दिये गये। एक मण्डल अध्यक्ष की नियुक्ति युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह परमार ने किया। जबकि दूसरे की नियुक्ति भाजपा के तदर्थ जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता ने किया। एक मण्डल में दो अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया में जहां किरकिरी हो रही थी वहीं अब पार्टी में ही यह बात निकलकर सामने आ रही है कि मण्डल से लेकर जिला स्तर पर विस्तार एवं फेरबदल के पीछे एक ही मुख्य वजह है। टिकट के लिए लॉबिंग तैयार करना है। ताकि प्रदेश शीर्ष नेतृत्व के पास कार्यकर्ताओं का समर्थन पत्र भारी मात्रा में पहुंच जाय और प्रदेश संगठन भी समर्थन पत्रों को देखकर सोचने के लिए मजबूर हो जायें। फिलहाल भाजपा जिला संगठन में फेरबदल व विस्तार को लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं जहां खुलकर नाराजगी दिखाई देने लगी है वहीं प्रदेश शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी से कार्यकर्ताओं में निराशा झलकने लगी। कार्यकर्ताओं के इस नाराजगी का असर आगामी विधानसभा चुनाव में दिखाई दे सकता है। ऐसा राजनैतिक पंडित मान रहे हैं।


पहले विधायकी फिर सांसद का है टारगेट

भाजपा के ही कुछ कार्यकर्ता आपस में गुप्तगू करते नजर आते हैं कि एक नेता तीनों विधानसभा देवसर, चितरंगी, सिंगरौली में अपने ईर्द-गिर्द परिक्रमा लगाने वालों को ही टिकट के लिए तैयार किया जायेगा। जहां नेता के यहां कुछ ऐसे भाजपा नेता आये दिन परिक्रमा लगाते हुए दिखाई देते हैं। यदि उनके चहेतों को टिकट नहीं मिला तो खुद के लिए लोकसभा चुनाव लडऩे का मन बनाया है। इसी उद्देश्य से भाजपा कार्यकारिणी में फेरबदल और अपने चहेतों को संगठन में तरजीह देने का खेल चल रहा है। भले ही ऐसे कथित भाजपाईयों का जमीनी स्तर पर पकड़ नगण्य हो। किन्तु भाजपा के प्रदेश शीर्ष नेताओं के यहां अपने नेता के नाम का जयकारा  लगाने व समर्थन पत्र लिखने वालों की संख्या अधिक से अधिक हो यही नेता जी का टारगेट है।

संवाददाता :आशीष सोनी 

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