आई फ्लू होने पर क्या करे?
कुछ दिनों से प्रदेश में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह फ्लू
कंजक्टिवाइटिस, कंजंक्टिवा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन है. इसे आम भाषा में आई फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. यह आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदर को ढकने वाली एक पतली और पारदर्शी परत को प्रभावित करता है. आई फ्लू को काफी संक्रामक माना जाता है और यह तेजी से फैलता है अपने हाथों को बार बार धोएं, रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं, डॉक्टर से इलाज कराएं, घर से बाहर निकलने पर चश्मा पहने, तकिए के कवर को बार-बार बदलें, आंखों को हाथ से न छुएं, आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए। नेत्रश्लेष्मलाशोथ के सबसे आम कारण वायरस और बैक्टीरिया हैं, लेकिन अन्य कारणों में एलर्जी, पराबैंगनी प्रकाश, और रासायनिक या पर्यावरणीय परेशानियाँ शामिल हैं। वायरल नेत्रश्लेष्मलाशोथ उन्हीं वायरस के कारण होता है जो अक्सर सामान्य सर्दी के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। हल्के जीवाणु या वायरल गुलाबी आंख संक्रमण को उपचार के बिना ठीक होने में 1-2 सप्ताह लग सकते हैं, लेकिन इसमें 30 दिन तक का समय लग सकता है। यदि इस समय के बाद भी गुलाबी आंख बनी रहती है या उपचार का जवाब नहीं देती है, तो व्यक्ति को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
संवाददाता - स्वाति सिंह राजपूत
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