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स्कूल में नही है पानी की व्यवस्था,पानी के लिए भटक रहे विद्यार्थी,बना रहता है दुर्घटना होने का डर

 


स्कूल में नही है पानी की व्यवस्था,पानी के लिए भटक रहे विद्यार्थी,बना रहता है दुर्घटना होने का डर



मड़ियादौ/- सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी सरकारी स्कूलों की मानसिकता व और कार्यशैली में बिल्कुल भी बदलाव दिखाई नही दे रहा है। स्कूलों में लाखों रुपये खर्च कर बनाए लगाये गये हैण्डपंप और बोरबेल की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है साथ ही शौचालयों की स्थिति भी गंभीर पड़ी हुई है। कहीं शौचालय पूरी तरह से जर्जर चुके हैं तो कहीं पानी की कमी के कारण इनकी उपयोगिता सिद्ध नहीं हो पा रही है।

यह समस्या आज जनपद हटा अंतर्गत आने वाले शासकीय माध्यमिक शाला परिसर में देखा गया, जहां  परिसर में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की कमी है। जिसके अंतर्गत विद्यालय में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नही है।। ऐसे में मुख्य रूप से छात्राओं को पीने के पानी के साथ साथ शौचालय के लिए भी बड़ी समस्या आ रही है। साथ ही पढ़ने वाले बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है। विद्यार्थियों को आज स्कूल परिसर के बाहर रोड पार करते हुए पानी पीते हुए देखा गया। बच्चों ने बताया कि स्कूल परिसर में पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं होेने के कारण उन्हें परिसर से बाहर पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। प्यास बुझाने के लिए बच्चों को बड़ी ही खतरनाक रिस्क लेनी होती है, रोड पार करके मंदिर परिसर में बनी हुई पानी की टंकी से बच्चों को अपनी प्यास बुझाने पड़ती है। उसी रोड पर बढे बड़े वाहनों की आवाजाही भी लगी रहती है। विद्यार्थियों ने बताया कि एक दो बार हादसे भी हो चुके हैं जिसकी जानकारी सभी शिक्षकों को भी है लेकिन अभी तक पीने के पानी की कोई उत्तम व्यवस्था शासन द्वारा नही कराई गई है। 

ऐसे में बच्चे मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ही शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। विद्यार्थियों को मजबूरन रोजाना स्कूल बैग के साथ.साथ पानी की बोतलों का बोझा ढोना पड़ता है, घर से लाई एक बोतल पानी से पूरे दिन प्यास बुझानी पड़ती है। 

शासकीय शालाओं में अच्छी शिक्षा एवं सुविधा देने का वादा किया जा रहा है पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।   इस शाला में पूर्व में अनेकों छात्र.छात्राएं अध्ययनरत थे परंतु मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते अब मात्र करीब 650 बच्चे ही वर्तमान में अध्ययनरत हैं। शासकीय स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं ना होना लगातार स्कूलों में घटती छात्र छात्राओं की संख्या का प्रमाण एवं मूल कारण है।

संवाददाता राहुल नामदेव 

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