कारीपाथर मामले में परिजनों ने व्यक्त की हत्या की आशंका स्लीमनाबाद पुलिस पर लगे आरोपी से मिलीभगत के गंभीर आरोप
स्लीमनाबाद थानांतर्गत ग्राम छोटी कारीपाथर मामले में अब नया मोड़ सामने आ गया है।ज्ञात हो कि दिनांक 08/09/2023 की रात्रि लगभग 8 बजे दोनो मृतक नरेंद्र कोल एवं मिथलेश कोल गांव में घूमने के लिए साथ में निकले थे,परंतु उसके बाद दोनो दुबारा घर वापस नहीं आए।परिजनों द्वारा दोनो को ढूंढने का भरसक प्रयास किया गया इसके उपरांत दो दिन बाद दोनो की लाश बरसती नाले में बेशरम की झाड़ियों में मिली थी।घटना की सूचना मिलते ही स्लीमनाबाद पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परंतु अब इस कथित पानी में डूबकर मृत्यु हो जाने वाली घटना में एक नया एंगल सामने आया है।
परिजनों द्वारा बताया गया की दोनो मृतक नरेंद्र एवं मिथलेश कोल का गांव के ही आदतन अपराधी जित्तू पांडे से विवाद चल रहा था।जिसके कई मामले स्लीमनाबाद थाने में पंजीकृत हैं ।जित्तू पांडे की नरेंद्र के साथ मारपीट होने की बात एवं मिथलेश के साथ आए दिन गली गलौच की बात भी सामने आई है।
साथ ही दोनो को जान से मार देने की धमकी भी जित्तू पांडे के द्वारा दी गई थी।
परिजनों द्वारा अपने संदेह के पक्ष में तर्क दिया गया की दोनो मृतक के दांत टूटे हुए थे,और नरेंद्र के जेब से न तो मोबाइल मिला ,न जूता मिला और न ही शर्ट मिला जबकि नरेंद्र घर से ये सब कुछ सामान ले कर निकला था।
परिजनों द्वारा यह भी बताया गया कि नरेंद्र रात 8 बजे घर से निकला और अगभग 9बजे नरेंद्र की पत्नी ने फोन लगाया तो बात हुई परंतु 9 बजे के बाद से फोन स्विच ऑफ आने लगा।
परिजनों द्वारा प्रश्न यह उठाया जा रहा है कि रात्रि 9बजे कौन मछली मारने जाता है?
साथ ही पुलिस की थ्योरी में जिसको नदी बताया जा रहा है वो दरअसल बरसती नाला है।जिसमे घुटने और कमर से ज्यादा पानी नहीं है एवम दोनो बच्चे नहीं बल्कि वयस्क थे और तैरना भी जानते थे।
अतः नाले में डूबकर मृत्यु हो जाने वाली थ्योरी किसी के गले नहीं उतर रही है।
परिजनों एवं ग्रामीणों द्वारा कथित आरोपी जित्तू पांडे से मिलीभगत कर आरोपी को बचाने एवं मामले को दबा कर रफा दफा करने के गंभीर आरोप स्लीमनाबाद पुलिस के ऊपर लगाए है ।
परिजनों द्वारा शासन प्रशाशन से मांग करते हुए यह कहा गया है की हमे स्लीमनाबाद पुलिस पर भरोसा नहीं हैं इस मामले की उच्च स्तरीय चांच करवा कर परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है।
स्लीमनाबाद थाने पहुंचकर पुलिस का पक्ष जानने का प्रयास किया गया परंतु थाने में पदस्थ दरोगा संतराम यादव द्वारा यह कहकर बाइट देने से इनकार कर दिया गया की 4-5 दिन पुराने मामले की बाइट लेकर क्या करोगे?
संवाददाता - शशिकांत विश्वकर्मा
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