छात्रों को समझा एटीएम मशीन
बार-बार फेल करके जीवाजी विश्वविद्यालय कमा रहा पैसे।
एम.एस.सी(गणित) के चतुर्थ सेमेस्टर एटीकेटी के परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी को सुधार कर पुनः परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग पर प्राचार्य को सौप कुलपति के नाम ज्ञापन।
महाविद्यालय के छात्रों ने बताया कि एमएससी मैथमेटिक्स चतुर्थ सेमेस्टर एटीकेटी के परीक्षा जून -2023 में संपन्न हुई थी उनका परीक्षा परिणाम हाल ही में घोषित किया गया है जिसमे महाविद्यालय के सभी विद्यार्थियों व शेष कार्य स्पेशल फंक्शन के पेपर में शून्य(00) अंक दिए गए हैं शून्य अंक आने का मतलब है कि उत्तर पुस्तिका में कुछ भी ना लिखना। यह कैसे संभव हो सकता है कि सभी विद्यार्थी एक ही पेपर में उत्तर पुस्तिका में कुछ भी लिखकर ना आए हो। यह उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने में हुई विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही की है। जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जब जून -2022 में चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं संपन्न कराई हुई थी उस वक्त भी यूनिवर्सिटी ने अधिकतर विद्यार्थियों को एक ही पेपर में अनुत्तीर्ण कर दिया गया था वही पेपर जब तैयारी के साथ छात्रों ने पुनः दिया और पुनः जीरो नंबर दे दिए। वहीं आगे छात्रों ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं वहीं विश्वविद्यालय ने छात्रों को एटीएम मशीन की तरह समझ लिया है। कैसे ज्यादा से ज्यादा पैसे विभिन्न तरह की फीस के माध्यम से निकाले जाएं उसी सोच के साथ छात्रों के परीक्षा परिणामों में एटीकेटी देकर अतिरिक्त पैसा वसूला जा रहा है और वही नई शिक्षा नीति 2020 लागू करके बेहतर शिक्षा देने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और छात्रों को राहत देने की बात की जा रही है लेकिन छात्र आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है आज हमने ज्ञापन के माध्यम से जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति जी से मांग की है कि एम.एससी (गणित) चतुर्थ सेमेस्टर,वशेष कार्य स्पेशल फंक्शन पेपर के परीक्षा परिणामों में शून्य अंक दिए गए हैं उन में सुधार कर सही परीक्षा परिणाम जल्द घोषित किए जाएं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो तो छात्र बड़ा कदम उठाएंगे । जिस में समस्त छात्र शिशुपाल, लेखराज कुशवाहा, कीर्ति साहू, सुनील कुशवाहा, फैजान खान, निकलंक जैन नीरज अहिरवार, सना मंसूरी, रोहित कोहली, उषा प्रजापति शामिल हुए।
संवाददाता अवधेश दांगी
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