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डेड लाईन के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा

 डेड लाईन के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा 

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने पिछले वर्ष 31 दिसम्बर को निर्माणाधीन एनएच 39 का किया था निरीक्षण

सीधी-सिंगरौली नेशनल हाईवे 39 के गोपद पुलिया का कार्य तय डेड लाईन के करीब 2 महीने बाद भी पूर्ण नही हो पाया है। वही अब 30 अप्रैल की भी डेड लाईन समाप्त होने की अंतिम कगार पर है। इसके बावजूद गोपद पुल टू-लेन का बनना भी अभी डेढ़ महीने तक संभव नही लग रहा है।
गौरतलब है कि सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीयराज मार्ग 39 फोरलेन का कार्य वर्ष 2012-13 से चल रहा है। किन्तु करीब 12 साल बाद भी निर्माणाधीन एनएच 39 का कार्य पूर्ण नही हो पाया है। संविदा कंपनी गैमन इंडिया को केन्द्र के भूतल-सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली ने बर्खास्त कर नये सिरे से टेन्डर कराया गया और 2023 मार्च महीना कार्य पूर्ण होने के लिए डेड लाईन भी तय की गई थी। संविदाकार की लापरवाही की भेट एक बार फिर से निर्माणाधीन एनएच 39 चढ़ गई। जबकि तत्कालीन सांसद रीती पाठक के साथ-साथ कलेक्टर राजीव रंजन मीणा एवं एमपीआरडीसी के मुख्य अभियंता ने कार्यस्थल का भ्रमण कर संविदाकार को दू्रत गति से कार्य करने के निर्देश दिये गये थे। यहां तक कि 31 दिसम्बर 2023 तक कार्य पूर्ण किये जाने के लिए डेड लाईन तय की गई। तय डेड लाईन में संविदाकार खड़ा नही उतर पाया। वही आरोप है कि एमपीआरडीसी रीवा के जिम्मेदार अधिकारियों ने एनएच 39 को कभी गंभीरता से नही लिया। लिहाजा एनएच 39 का कार्य मंथर गति से चलता रहा। इतना ही नही पूर्व सांसद ने अपने कार्यकाल के दौरान पिछले वर्ष 9 अगस्त को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर सड़क के कार्य में तेजी लाने के लिए आग्रह की थी। जहां केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एमपीआरडीसी के अधिकारियों को निर्देशित किया था की 31 दिसम्बर के अन्दर हर हाल में एनएच 39 का कार्य पूर्ण होना चाहिए। इसके बावजूद सड़क का कार्य पूर्ण नही हो पाया। हालांकि यह भी चर्चा है कि अपने कार्यकाल के दौरान सांसद रीती पाठक ने एनएच 39 के कार्य को लेकर जिस तरह से सक्रि यता दिखाई उन्हीं के बदौलत कार्य में तेजी आई। वही पिछले वर्ष 30 दिसम्बर को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने निर्माणाधीन एनएच 39 सीधी-सिंगरौली के सड़क कार्य का जायजा लेने कार्यस्थल पर पहुंचे थे। इस दौरान तत्कालीन कलेक्टर सहित एमपीआरडीसी के अधिकारी एवं संविदाकार भी मौजूद थे। उप मुख्यमंत्री ने स्थल पर ही निर्देशित किया था कि 15 फरवरी तक एनएच 39 टू-लेन का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए। इसके बावजूद कार्य पूर्ण न होने पर 30 अप्रैल फिर से डेड लाईन तय की गई। फिर भी अप्रैल महीना करीब एक सप्ताह का समय शेष रह गया है। लोग बताते हैं कि अभी गोपद पुलिया के कार्य को पूर्ण होने में कम से कम मई महीना पूर्ण हो जाएगा। तब कही टू-लेन का कार्य पूर्ण हो सकता है। शेष गोपद पुलिया के टू-लेन का कार्य पूर्ण होने में सालों का वक्त लग सकता है। फिलहाल सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राज मार्ग एनएच 39 निर्माणाधीन फोरलेन का कार्य कब पूर्ण होगा इस पर अब कोई डेड लाईन देने के लिए कोई तैयार नही है। बल्कि एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साध लिये हैं।
एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने साधी चुप्पी
निर्माणाधीन सीधी-सिंगरौली एनएच 39 के लेत लतिफी को लेकर संविदाकार के साथ-साथ एमपीआरडीसी रीवा के अधिकारी भी सवालों में घिरते जा रहे हैं। आरोप है कि एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने नियमित कार्यस्थल का अवलोकन नही कर रहे हैं। जिसके चलते एनएच 39 का कार्य कछुए के गति से चल रहा है। सत्ता दल के ही कई नेताओं का कहना है कि एमपीआरडीसी के अधिकारी लगातार कार्य के प्रति उदासीनता दिखाई है। नतीजा सब के सामने है। यदि एमपीआरडीसी के अधिकारी कार्य के प्रति संवेदनशील होते तो एनएच 39 सीधी-सिंगरौली इतना सफर न करता। इधर निर्माणाधीन सड़क कार्य को लेकर एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने उक्त मामले में चुप्पी साध रखी है और मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे हैं।
संवाददाता : आशीष सोनी

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