बघेलखंड में एक महत्वपूर्ण कहावत है कि कथरी ओढ़कर घी पीना जिसका अर्थ है अनजान बनकर दबे पांव लाभ अर्जित करते रहना...बघेलखंड का प्रसिद्ध कहावत इन दिनों खुटार चौकी में पदस्थ चौकी प्रभारी के ऊपर चरितार्थ हो रही है। चौकी क्षेत्र अंतर्गत आलम यह है कि क्षेत्र में अवैध कारोबार की मानों बहार सी आ गई हो। रेत, नशे जैसे अन्य कई कारोबार क्षेत्र में संचालित है, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि खुटार पुलिस इन सब बातों से परे होकर अनजान बनी बैठी है। हालांकि साहब की नजर में क्षेत्र में बेहतर पुलिसिंग हो रही है। परंतु क्षेत्र की हालत तो कुछ और बयां कर रही हैं। सूत्रों की माने तो काजन नदी से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। अब सत्यता क्या है ज़िम्मेदार अधिकारियों के लिए जांच का विषय है। बीते गुरुवार को दरमियानी रात खनिज विभाग ने रेत के अवैध कारोबार में संलिप्त ट्रैक्टर पकड़ कर खुटार चौकी प्रभारी की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए थे।
जो कार्यवाई खुटार पुलिस को समय रहते करनी चाइए वो खनिज विभाग कर रही है। खुटार चौकी पुलिस से जब क्षेत्र में संचालित अवैध धंधों पर चर्चा की जाए तो चौकी के जिम्मेदार कहते हैं कि अवैध कारोबार पूर्णता बंद है परंतु बीते गुरुवार को खनिज विभाग ने रेत के अवैध कारोबार में संलिप्त दो ट्रैक्टरों को खटौली खदान से पड़कर चौकी में खड़ा करवाया था। जिससे खुटार पुलिस की कथनी और करनी में सीधा अंतर देखने को मिला। सूत्रों की माने तो शाम ढलते की रेत के कारोबारी सक्रिय हो जाते हैं और खदानों के साथ-साथ देवरी के काजन नदी में ट्रैक्टर उतार कर रेत का खनन व परिवहन करते हैं। आश्चर्य की बात है कि यह खुटार पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे अनजान बनकर बैठी है। नवागत एसपी के पदभार के बाद अवैध कारोबार पर काफी हद तक अंकुश तो लगा था, लेकिन एसपी के आदेश को ताक पर रखकर स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से क्षेत्र में अवैध कारोबार संचालित हो रहा है। हालाकि कभी कभार पुलिस कार्यवाई भी करती है। कोतवाली थाना के खुटार चौकी क्षेत्र अंतर्गत काजन नदी में रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया में एक वायरल वीडियो से प्रतीत हो रहा है। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि सर्च स्टोरी अखबार नहीं करता है लेकिन क्षेत्र में चर्चा है कि इन दोनों शाम ढलते ही रेत का अवैध कारोबार संचालित हो जाता है। रेत के अवैध कारोबार से रेत सविंदाकार को भी नुकसान हो रहा हैं। सूत्र बताते है की रेत के खेल के पीछे राम जी का नाम रहा है। अब ये राम जी की हिमाकत की दात देने पड़ेगी की हाल में निलंबन के बाद भी रेत के खेल में साहब के साथ भरी गर्मी में कथरी ओढ़कर घी की कुंप मार रहे है।- Home-icon
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