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ब्लैकमेलिंग को ढ़ाल बनाकर फर्श से अर्श तक पहुंची कथित पत्रकार नेहा, गांव में 18 कमरो की बनवाई हवेली

 ब्लैकमेलिंग को ढ़ाल बनाकर फर्श से अर्श तक पहुंची कथित पत्रकार नेहा, गांव में 18 कमरो की बनवाई हवेली

हनी ट्रैप के मामले में भोपाल में पकड़ी गई रीवा की नेहा त्रिपाठी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। पिता सुरेश त्रिपाठी गोविंदगढ़ थाना के बजरंगपुर पंचायत के डोह गांव में एक कच्चे सापहीननुमा मकान में रहता था, जो आज 18 कमरो की हवेली में रह रहा है। गांव के लोग बताते है कि सुरेश त्रिपाठी के घर में चार साल पहले बीपीएल कार्ड से राशन जाता था, तब जाकर चूल्हा जलता था उसमें भी खाने के लाले पड़ जाते थे। लेकिन जब से उसकी लड़की नेहा ने होश संभाला तो गरीबी के बादल छटने लगे। खपरैल मकान छोड़‌कर 18 कमरों के घर में परिवार रहने लगा। लोग बताते है कि ऐसा कोई कमरा नहीं है जिस कमरे में टाइल्स न लगी हो। यह काली कमाई महज चंद साल में नेहा त्रिपाठी ने अफसरों को ब्लैकमेल कर अर्जित किया है। यदि उसकी संपत्ति की जांच की जाये तो जांच अधिकारी यह साबित कर सकते है कि फर्श में पलने वाली नेहा आज ब्लैकमेलिंग की कमाई से अर्श में पहुंच गई है। रोजगार सहायक से शुरू की ब्लैकमेलिंग, पहुंची राजधानी तक गांव के लोग बताते हैं कि नेहा त्रिपाठी ने रोजगार सहायक रहे लालमणि पटेल को अपना पहला शिकार बनाया रोजगार सहायक ने बताया कि अपने खेत में कुआं खुदवाने के लिए आवेदन किया था जो मंजूर हो गया था। नेहा चाहती थी कि शासन द्वारा स्वीकृत राशि उसे मिल जाये और कुआं की खुदाई न हो! रोजगार सहायक के विरोध के चलते नेहा अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हुई। रोजगार सहायक को सबक सिखाने के लिए रीवा शहर के विछिया थाना में उसके विरुद्ध छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज करवाई और गवाही उसके माता-पिता बने। वहीं से उसकी लाभक बड़ी तो अपने गांव के 32 लोगों पर छेड़छाड एवं बलात्कार का परिवाद दायर कर आरोपी बनाया था। इसी बीच रीवा के एक छुपे रुस्तम पत्रकार के सानिध्य में आई जो शहर के पास इलाके में स्टूडिया संचालित कर रखा है। उसके संपर्क में आते ही नेहा अधिकारियों को अपने जाल में फंसाने लगी और उसके हौसले इतने बढ़ गये कि वह राजधानी जाकर मंत्रियों के प्रमुख सचिवों को अपने जाल में फंसाने लगी। गोपनीय विभाग नेहा की खंगाल रही है कुंडली, कई सहयोगियों के नाम आये सामने

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय भोपाल ने रीवा गोविंदगढ़ निवासी नेहा त्रिपाठी की कुंडली खंगालने के लिए गोपनीय विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। गोपनीय विभाग पुलिस विभाग के सारे रिकाडों को सहेजते हुए नेहा के गांव तक जा पहुंची। बताया जाता है कि गांव से लेकर शहर तक के कई ऐसे लोगों के नाम गोपनीय विभाग को मिले हैं जो नेहा को या तो मदद करते थे या फिर उसके मार्गदर्शक बन कर नौकरशाहों को नेहा के जाल में फंसने के लिए ताने-बाने बुना करते थे। जिसमें एक हुये रुस्तम पत्रकार का भी नाम सुखियों में आ रहा है।

संवाददाता : आशीष सोनी

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