गांव-गांव चल रही,पैकारियां,आबकारी नियमों की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां
क्षेत्र के युवा हो रहे है बर्बाद,और जिम्मेदार बने बने हुए हैं मूकदर्शक
मामला अवैध शराब के कारोबार का है,जहां गांव-गांव शराब पहुंचाने की मची हुई है होड़। जिले की ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में बेधडक़ होकर अवैध शराब का कारोबार जमकर फलफूल रहा है। जिसकी शिकायतें अनेको बार आला-अधिकारियों से भी की जा चुकी है। साथ ही मीडिया में भी अवैध शराब के कारोबार को लेकर खबरें प्रकाशित की जाती रही हैं। फिर भी जिम्मेदार आबकारी विभाग व पुलिस विभाग की मिलीभगत से शराब ठेकेदार पर अंकुश नही लग रहा हैं और अवैध शराब का कारोबार दिन प्रतिदिन चौगुनी रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। अवैध शराब का कारोबार गांव-गांव पहुंच चुका है,एवं अवैध शराब आसानी से मिल जाती है लेकिन आबकारी विभाग व पुलिस विभाग कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है। जानकारों के अनुसार गांव-गांव शराब की पैकारियां चल रही है। आबकारी अमले को भी अवैध शराब के मामले में सूचना मिलती रहती है। फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती। शराब ठेकेदार दुकानो से गांव गांव में संचालित अवैध पैकारियों में अपने गुर्गों के माध्यम से दो पहिया एवं चार पहिया वाहन से शराब बिना रोक-टोक के पहुंचाई जा रही है। शराब की दुकानों में रेट सूची भी नहीं लगाई गई है। इसी का फायदा उठाकर दुकानों में भी शराब की मनमानी कीमत वसूली जाती है।
जानकारो की माने तो उमरियापान एवं रामपुर की दुकानों से ग्रामीण क्षेत्रों में शराब ठेकेदार गांव-गांव शराब की व्यवस्था करानें के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं। उनके द्वारा गांवों में शराब पहुंचाने के लिए अलग से अपने गुर्गे लगाए गए हैं। जिनके द्वारा दो पहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों से शराब की सप्लाई की जाती है।
ठेकेदार का उद्देश्य
शराब ठेकेदार ज्यादा से ज्यादा कमाई के लिए अपनी दुकान से काफी दूर-दूर के गांवों तक शराब की पैकारी बेखौफ होकर चलवा रहे हैं और मोटी कमाई करते है। इसकी जानकारी आबकारी व पुलिस अमले को पूरी तरह से रहती है। फिर भी शराब की पैकारी के मामले में विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है। शराब का ठेका लेने वाले ठेकेदारों की सुविधा के अनुसार ही शराब का पूरा कारोबार चल रहा है। नियमों की भले ही अनदेखी हो लेकिन ठेकेदारों को फायदा होना चाहिए। अगले अंक मे और खुलेगी पोल.
संवाददाता - शशिकांत विश्वकर्मा
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