सड़कों पर घूम रहे बेसहारा मवेशी, इनसे जाम और दुर्घटना
का खतरा
चाचौड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मृगवास चाचौड़ा जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के बावजूद यहां अभी तक गायों के लिए गौशाला तक नहीं बन पाई है जिसके चलते मवेशी दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है, बारिश होने से सड़कों पर बेसहारा मवेशियों की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है। यह स्थिति राहगीरों और मवेशी दोनों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। स्टेट हाईवे से निकलने वाले वाहनों से जहां सड़कों पर बैठे मवेशी सड़क दुर्घटना का शिकार होंगे वहीं दूसरी तरफ उनसे वाहन चालकों के भी दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बढ़ गई है। दरअसल बारिश में जमीन गीली होने पर सूखी जगह तलाशने के लिए मवेशी कस्बे की प्रमुख सड़कों पर दिन और रात में डेरा जमा लेते हैं। यह स्थिति वाहन चालक सहित पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी मुसीबत बन रही है। लगातार बढ़ रही इस परेशानी के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं। मवेशियों को सुरक्षित आश्रय देकर सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए कोई प्रयास होते नजर नहीं आ रहे।
मवेशियों से हो रही दुर्घटनाओं एवं मवेशियों को हो रही परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए पशुपालकों के विरुद्ध कार्रवाई होना चाहिए, ताकि पशुओं को खुला छोड़ने से पशु मालिकों रुके। कस्बे सहित आस पड़ोस के ग्रामीणों द्वारा गांव से मवेशी लाकर कस्बे में छोड़े जा रहे है, जिसके परिणामस्वरूप स्टेट हाईवे से लेकर कस्बे के मुख्य बाजार में लोगों के लिए मुसीवत बने हुए हैं। इन आवारा मवेशियों के कारण जहां स्टेट हाईवे से लेकर कस्बे का यातायात प्रभावित हो रहा है, वहीं इन मवेशियों के कारण हादसे हो रहे है जिसके कारण राहगीर परेशान हैं।
खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है। तो दूसरी तरफ आवारा मवेशी कस्बे व आसपास के गांव के खेतों में जाकर फसलों को खा रहे हैं। इसके चलते ग्रामीण इन मवेशियों को रात के समय रखवाली करने को मजबूर है।
यहां सबसे ज्यादा परेशानी
कस्बे में चौराहों समेत स्टेट हाईवे और कस्बे की अंदरूनी सड़कों पर पशुओं की भरमार है, सबसे ज्यादा मवेशियों की भीड़ कस्बे के मुख्य बस स्टेंड पर देखी जाती है, वही पुलिस थाने से लेकर बस स्टेंड होते हुए अंडेरी नदी के पुलिया व कुंभराज मार्ग तक बेसहारा मवेशी बैठे रहते है, वही कस्बे के अंदर सदर बाजार में होली चौक से लेकर हनुमानछत्री तक पूरे रास्ते पर जमावड़ा लगा रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि मोहल्ले में कई बार पशुओं द्वारा घर के सामने खड़ी बाइक कार आदि को क्षतिग्रस्त किया गया है।
गौरतलब है कि कस्बे में मवेशियों की संख्या लगभग पांच सौ से अधिक बताई जाती है जो स्टेट हाइवे पर बैठी रहती है ऐसे में रात्रि के समय चार पहिया वाहन से कस्बे से बाहर निकलने में आधे घण्टे से अधिक समय लग जाता है।
गौशाला हुई थी संचालित लेकिन जल्द ही हो गई बंद
गौरतलब है की कस्बे में विगत वर्षो पहले यहां के हिंदू और मुस्लिम समाज दोनो पक्षों के जनसहयोग से अस्थाई गौशाला का निर्माण कर गायों के टहरने से लेकर खाने पीने और साफ सफाई तक के पूरे इंतजाम किए थे जो काफी कारगर भी साबित हुए थे लेकिन उनके प्रबंधन और रख रखाव के अभाव में वह ज्यादा समय तक नहीं चल पाई, और बाद में बंद करदी गई।
संवाददाता : संजीव अहिरवार
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