उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के राज में क्या स्वास्थ केंद्र में ऐसा ही लटका रहेगा ताला
दमोह/- जिले के बटियागढ ब्लॉक अंतर्गत दलपतपुरा के ग्राम बोरदा में बने उप स्वास्थ्य केंद्र का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। जानकारी के अनुसार निर्माण से लगभग दो वर्ष बीत जाने के उपरांत आज तक ताला लटका हुआ है। गांव में उपस्वास्थ्य केन्द्र होने के बावजूद ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही कि, खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है। उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कहने को तो यहां 24 घंटे एएनएम और इलाज की सुविधा मिलना है, लेकिन ताला नहीं खुलने से ग्रामीणों को फतेहपुर, बटियागढ़ और हटा, दमोह तक इलाज कराने के लिए जाना पड़ रहा है या फिर झोलाछाप डॉक्टरों की शरण लेनी पड़ रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण के लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाबजूद उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ है, जिससे गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने में समस्या आती है, तो वहीं ग्रामीणों को दवा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है।
यहां पर डॉ, एएनएम या अन्य कोई स्टाफ पदस्थ हैं या नहीं इसके संबंध में भी जानकारी नहीं है, न कभी यह स्वस्थ केंद्र खुला देखा है, मजबूर होकर गांव में स्वस्थ केंद्र होते हुए इलाज के लिए 15 किलोमीटर दूर बटियागढ़ या 30 किलोमीटर दूर हटा या फतेहपुर जाना पड़ता है।
दलपतपुरा सरपंच पति उदा बंजारा ने बताया अगर उप स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर पदस्थ हो जाए, तो क्षेत्र के दस गांव जो आस पास है सभी का ईलाज यही होने लगेगा और ईलाज के लिए फतेहपुर और हटा नहीं भागना पड़ेगा। इस स्वस्थ केंद्र के नजदीक बोरदा, शहपुरा, दलपतपुरा, जागूंपुरा, हरदूटोला ऐसे लगभग दस गांवों के लोगो का ईलाज यही से होने लगेगा।
लगभग दो बरस पहले इस उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का उद्घाटन हो गया था, लेकिन अभी तक नहीं खुला है। ग्रामीण दरवारी बंजारा नन्ना बंजारा ने बताया यहा डॉक्टर नही है, हम सभी चाहते हैं कि डाक्टर आ जाए तो हम सबको अच्छा इलाज गांव में ही उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कहना है.. कि
मैंने अभी कुछ महीने पहले ही यहां पर प्रभार लिया है, आपके माध्यम से जानकारी लगी कि, मैं पता करता हूं जल्द से जल्द उप स्वास्थ्य केंद्र शुरू किया जाएगा।
वही मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी बटियागढ़ का कहना है कि
वहां पर 2 साल से तो एक एएनएम सदस्य रही है, ऐसा नहीं है कि 2 साल से ताला डाला हुआ है, जो एएनएम पदस्थ थी, उनका स्थानांतरण हो जाने की वजह से टीकाकरण के लिए एमपीडब्ल्यू को चार्ज दिया है, वहां पर ना तो सीएचओ है ना ही एएनएम कि, वही अपने यहां इतना इंस्टिसीडेंट भी नहीं है कि कहीं और की हटाकर वहां लगा सके, जिला मुख्यालय इसकी सूचना दी जा चुकी कि, कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
संवाददाता राहुल नामदेव
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