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मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को क्यों लिया गया हिरासत में

 मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को क्यों लिया गया हिरासत में

लद्दाख के मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और अन्य एक्टिविस्ट लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च पर निकले है ताकि केंद्र सरकार से लद्दाख के नेतृत्व के साथ उनकी मांगो के संबंध में बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया जा सके।उनकी प्रमुख मांगों में से एक यह है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए और लद्दाख में एक और संसदीय सीट को बढ़ाया जाए।जिससे स्थानीय जनता को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कानून बनाने की शक्ति मिल सके।इसको लेकर लद्दाख की जनता 2019 से ही धरना प्रदर्शन कर रही है।सोनम वांगचुक और लगभग 75 स्वयंसेवकों ने 1 सितंबर को लेह से अपना पैदल मार्च शुरू कर दिया था और वह इससे पहले 21 दिन की भूख हड़ताल भी कर चुके है।14 सितंबर को हिमाचल प्रदेश पहुंचने पर वांगचुक ने अपने मिशन के उद्देश्य पर जोर दिया था।उन्होंने कहा, "हम सरकार को पांच साल पहले किए गए वादे की याद दिलाने के मिशन पर हैं।"लेकिन सोमवार को देर रात में सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली की सीमाओं पर बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है।जिसको लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया और उन्होंने कहा कि , "लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने पर बुजुर्गों को दिल्ली की सीमा पर क्यों हिरासत में लिया जा रहा है? मोदी जी, किसानों की तरह यह 'चक्रव्यूह' भी टूटेगा और आपका अहंकार भी टूटेगा। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।"वांगचुक ने अपनी हिरासत की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी साझा की।सोनम वांगचुक ने पोस्ट किया की, "मुझे और मेरे 150 पदयात्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर सैकड़ों, कुछ लोगों का कहना है कि 1,000 की संख्या वाले पुलिस बल द्वारा हिरासत में लिया गया है। 80 की उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के पूर्व सैनिक... हमारा भाग्य अज्ञात है। हम बापू की समाधि की ओर सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे... दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी... हे राम!"

संवाददाता : खुशी ढ़िमोले 

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