गरीबों के राशन में कटौती कर रहे कोटेदार, सरकार की योजना बनी अवैध कमाई का जरिया
मामला सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक से आ रही है जिसमें कई हितग्राहियों के पात्रता में से 1 किलोग्राम अनाज काट कर वितरित किया जा रहा है एक तरफ हिन्दी मास का कुंवार महीना चल रहा है, रोजगार का संकट। ऊपर से ये बेतहाशा महंगाई गरीबों के लिए किसी अकाल से कम नहीं है। सब्जी और दाल तमाम परिवारों की पहुंच से दूर होती जा रही है। सरकार की ओर से हर माह मिलने वाला राशन ही मेहनतकश मजदूरों के लिए पेट पालने का सहारा है लेकिन इस पर भी अब सिस्टम से जुड़े लोगों की नजर गड़ गई है। इस मामले में जब कोटेदार से बात की गई तो कोटेदार ने खुद बताया कि 1 किलोग्राम की कटौती हमारे द्वारा की जाती है
कोटेदार प्रति कार्ड धारकों से एक किलो हर माह राशन की कटौती कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इसका फायदा सिर्फ कोटेदारों को हो रहा है, इसमें कई ऊपर तक के अधिकारी शामिल हैं। एमओ से लेकर जिलापूर्ति अधिकारी तक राशन की घटतौली में साझेदार हैं। यह बात दबी जुबान कोटेदार स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि गोदाम से ही प्रति बोरी दो से तीन किलो राशन की कटौती कर ली जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कम राशन देना हमारी मजबूरी है सरकार की लाख कोशिश के बाद भी जन वितरण प्रणाली के डीलर जितना राशन देते हैं चुपचाप लेना पड़ता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर पात्र धारकों को कम राशन देने की बात डीलर ने स्वीकार की। उनका कहना था कि गोदाम से ही राशन कम मिलता है। इसीलिए सभी पात्र धारियों से अनाज काटकर मैनेज करना पड़ता है। पी ओ सी मशीन द्वारा सभी उपभोक्ताओं को अनाज और राशि की सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
संवाददाता : आशीष सोनी
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