सीएम हेल्पलाइन में लापरवाही को लेकर दो महिला अधिकारियों का सैलेरी रुकी
सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही तीन महिला अधिकारियों को महंगी पड़ी. दो महिला अधिकारियों का एक-एक महीने का वेतन राजसात करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि तीसरी महिला अधिकारी पर पेनल्टी लगाई गई है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कार्रवाई करते हुए स्पष्ट रूप से चेतावनी दे दी है कि सीएम हेल्पलाइन में प्रकरणों के निराकरण की रेटिंग 40 से अधिक नहीं होना चाहिए. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण के लिए अगले सात दिन तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में 50 दिन से अधिक अवधि के लंबित प्रकरणों के निराकरण को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी. कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस अवधि में सीएम हेल्पलाईन के अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए. अधिकारी अपने-अपने विभाग की रैंकिंग में सुधार लाए. हर विभाग की रैंकिंग 40 से अधिक नहीं हो. 40 से अधिक रैंकिंग आने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी. सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर दो महिला अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दिए गए है. कलेक्टर आशीष सिंह ने सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता बेक तिर्की तथा श्रम विभाग की सहायक आयुक्त मेघना भट्ट का एक-एक माह का वेतन राजसात करने के निर्देश दिए. साथ ही लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने पर बिचौली क्षेत्र की तहसीलदार अंकिता वाजपेयी के विरूद्ध पेनल्टी लगाने के निर्देश भी दिए गए. महिला अधिकारियों पर उनकी लापरवाही को लेकर कार्यवाही जारी है. विभाग की तरफ से आदेश में कहा गया है कि अपने - अपने विभागों में सुधार लाये
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