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इंदौर-उज्जैन मेट्रो सपना बड़ा, तैयारी छोटी

इंदौर-उज्जैन मेट्रो सपना बड़ा, तैयारी छोटी

 इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट की वही प्रोजेक्ट जो 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ से पहले शुरू होना था। लेकिन, हकीकत ये है कि मेट्रो के ट्रैक पर अभी सिर्फ़ वादों की गाड़ी दौड़ रही है। 47 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के लिए 10 स्टेशन बनाए जाने हैं। इंदौर के लवकुश चौराहे से उज्जैन के महाकाल लोक तक मेट्रो दौड़ेगी। वादा है कि ये मेट्रो 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ेगी। लेकिन, अभी इस प्रोजेक्ट की स्पीड कछुए जैसी है। 10 हज़ार करोड़ रुपए का ये प्रोजेक्ट कागजों में तो धांसू लगता है, लेकिन फंड की कमी ने इसे अधर में लटका दिया है। अब सवाल ये है कि 5 साल पहले इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया, लेकिन आज भी सरकार बजट के लिए हाथ-पांव मार रही है!

सरकार से सीधे सवाल

1. सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन के बावजूद इस प्रोजेक्ट की तैयारी इतनी सुस्त क्यों है?

2. उज्जैन के महाकाल लोक की पहचान को और मजबूत करने के लिए आप क्या कर रहे हैं?

3. क्या मेट्रो प्रोजेक्ट सिर्फ चुनावी वादों तक सीमित था?

2028 के सिंहस्थ में करोड़ों श्रद्धालु उज्जैन आने वाले हैं। ऐसे में ट्रैफिक का क्या होगा? क्या इंदौर और उज्जैन के बीच की दूरी को तय करने के लिए जनता सिर्फ़ इंतजार करेगी?

सरकार कहती है, "हम तैयार हैं!" लेकिन, सवाल ये है कि किस चीज़ के लिए?

वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=-sQBMj0p6aI

संवाददाता  : मोनिका शर्मा 




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