सोयास्टेट, टाइगर स्टेट के बाद अब मध्य प्रदेश का नया नाम होगा पेपर लीक स्टेट
आए दिन पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं इस साल देश के 15 राज्यों में 41 परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले सामने आए है,पेपर लीक मामले में देश में पहले नंबर पर राजस्थान है तो दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है राजस्थान में 7 परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले आए है तो वहीं मध्य प्रदेश के परीक्षा के हाल भी जग जाहिर है मध्य प्रदेश में भी व्यापम घोटाला तो याद ही होगा सरकार ने व्यापम से नाम बदलकर (ईएसबी) कर्मचारी चयन आयोग नाम कर दिया है फिर भी पेपर लीक मामले थमने के नाम ही नहीं ले रहे है पिछले वर्ष आयोजित 2022,23 पटवारी भर्ती परीक्षा जिसमें भी घोटाला हुआ था यह मामला भी जग जाहिर है जिसके लिए सरकार ने जांच बैठाई और लीपा पोती करके मामला खरीच कर दिया जबकि प्रदेश टॉपर से जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि प्रदेश की राजधानी क्या है तो इतना आसान सवाव के जवाब सही नहीं दे पाई थी तो वह प्रदेश टॉपर कैसे बनी यह सवाल सिलेक्शन बोर्ड पर खड़े होते है,
वन रक्षक जेल प्रहरी में नॉर्मिलाइजेशन प्रक्रिया में एक अभ्यर्थी को 100 में से 101 अंक सिलेक्शन बोर्ड में दिए थे यह हवाला देते हुए कि नॉर्मिलाइजेशन से नंबर बढ़ जाते है जबकि छात्रों की मांग है कि नॉर्मिलाइजेशन बंद होनी चाहिए क्योंकि 100 अंकों का पूर्णांक है फिर 101 अंक कैसे आ सकते है हाल ही में मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाला हुआ था और 2024 में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में भी पेपर लीक का मामला आया था इतने सारे मामले आने के बाद भी सरकार उन्हीं संस्थाओं से परीक्षा आयोजन कराती है,प्रत्येक वर्ष लाखों छात्र छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होता है जब छात्र आवाज उठाते है तो उन्हें डंडे लाठी खानी पड़ती है उन्हें जेल में डाल दिया जाता है आखिर सरकार पेपर लीक मामलों पर कब लगाम कसेगी, चुनाव आते ही सरकार वादे करती है लाखों भर्तियां निकाली जाती है लेकिन सिर्फ कागजों में सरकार 2024 में सरकार ने कहा था कि 2025 में एक लाख भर्ती निकाली जाएगी जबकि 2025 भर्ती परीक्षा का कैलेंडर जारी हो गया जिसमें कुल 15 हजार के लगभग सभी विभागों में पद है, सरकार कब तक युवाओं को लॉलीपॉप देती रहेगी, 2017 से अब तक मध्य प्रदेश उप निरीक्षक पद की भर्तियां नहीं निकाली लाखों लाखों युवा ओवरेज हो गए
लेकिन सरकार को युवाओं से क्या चुनाव आयेंगे जाएंगे वादे होंगे घोषणाएं होंगी लेकिन युवा ऐसे ही रहेंगे और रसूलखोर नेताओं के रिश्तेदार भर्तियों में सलेक्ट होते रहेंगे युवा आस लगाए बैठे है कि आखिर कब कब कब यह सिस्टम सुधरेगा?
संवाददाता : अवधेश दांगी
वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=xZubuI5DmcY
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