आयुष्मान भारत योजना के खिलाफ दिल्ली सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें दिल्ली सरकार से आयुष्मान भारत योजना लागू करने के लिए कहा गया था. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह 5 जनवरी तक केंद्र के साथ इस बारे में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर ले.
इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार का कहना था कि स्वास्थ्य उसके अधिकार क्षेत्र का विषय है. उसे केंद्र के साथ समझौता करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई HC के आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद मामले में नोटिस जारी कर दिया. साथ ही हाई कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी. सिंघवी का कहना था कि दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अधिकार सीमित हैं. हाई कोर्ट के आदेश से ऐसा लग रहा है, जैसे स्वास्थ्य को भी केंद्र के अधिकार क्षेत्र में बताया जा रहा है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कही थी ये बात
पिछले महीने दिए आदेश में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आयुष्मान भारत योजना लागू कर चुके हैं. दिल्ली में इस योजना को लागू न करना गलत होगा. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जिरह करते हुए दिल्ली सरकार के वकील सिंघवी ने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना में केंद्र सरकार 60 प्रतिशत योगदान देती है. राज्य सरकार को 40 प्रतिशत देना होता है. ऐसे में दिल्ली सरकार को समझौता करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
दिल्ली सरकार यह दलील देती रही है कि उसके पास दिल्ली आरोग्य कोष योजना है. यह योजना आयुष्मान भारत से बेहतर है. यह दिल्ली के नागरिकों को राज्य में रजिस्टर्ड निजी हस्पतालों में भी मुफ्त इलाज की सुविधा देती है. इसलिए, उसे आयुष्मान भारत योजना लागू करने की जरूरत नहीं है.
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