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मोहन सरकार की गौशाला की खुली पोल, हिंदू राष्ट्र में गौमाता का हाल बेहाल

 मोहन सरकार की गौशाला की खुली पोल, हिंदू राष्ट्र में गौमाता का हाल बेहाल

द्वापर युग में मोहन के युग में गाय या कहें गौमाता को पूजनीय माना जाता था लेकिन वर्तमान में मध्य प्रदेश में मोहन सरकार में गाय की स्थिति बद से बदत्तर होती जा रही है, यह हम नहीं बल्कि मोहन सरकार में गाय की दयनीय स्थिति बता रही है, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की लोकसभा क्षेत्र छतरपुर जिले की राजनगर तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ललपुर में गौ माता की ऐसी दुर्दशा है की रूह काप जाए, एक तरफ सरकार गाय बचाने की बात करती है और दूसरी ओर गौशाला की देखरेख करने वालो की लापरवाही से गायों की मौत हो रही है। ग्राम पंचायत के सरपंच रामकिसुन अनुरागी के द्वारा गौशाला का अनुबंध तालगांव के जीवन लाल पटेल को दिया गया और जीवन लाल पटेल और स्थानीय जिम्मेदारों की लापरवाही से अब तक बीस से अधिक गायों की मौत हो चुकी है। जो दुधारू गाय है उनके लिए भूसा चारें की कुछ व्यवस्था जैसे तैसे यह लोग कर देते हैं परंतु जो भी गाय दूध नहीं देती है उनको बाहर ठंड में बिना भूसा चारा के खड़ा किया जाता है गौशाला में पर्याप्त मात्रा में छाया की व्यवस्था होते हुए भी गायों की देखरेख नहीं की जाती है अब देखना यह है लगभग 20 से ज्यादा गायों की मौत कि जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए, वहीं कटनी जिले के बड़वारा विकासखंड क्षेत्र में संचालित गौशालाओं की स्थिति बेहद दयनीय है, खासकर बजरवारा गौशाला में तो हालात बेहद गंभीर हैं। यहां हर दूसरे दिन गायों की मौत हो रही है। समय पर खानपान और इलाज न मिलने के कारण गायें पहले बीमार होती हैं और फिर दम तोड़ देती हैं। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला का संचालन कर रहे महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्य गायों की देखभाल में लापरवाही बरत रहे है। उनके मुताबिक, गायों को ना तो समय से पर्याप्त भोजन मिल रहा है और ना ही बीमार गायों का समय पर इलाज हो पा रहा है। इस संबंध में कई बार पंचायत,जनपद कार्यालय और पशु विभाग को शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, उससे भी ज्यादा दुखद तो यह है कि मृत गायों को खुले में कुत्तों को नोचने के लिए छोड़ दिया जाता है, अब बात करते हैं नरसिंहपुर जिले की जहाँ गौवंश की दर्दनाक मौत का यह दर्दनाक दृश्य पंचायत मंत्री प्रहलाद पटैल की विधानसभा का है, यह गौशाला गिधवानी गाँव में बनी हुई है, इस पंचायत में अभी तक सैंकड़ों गौवंश असमय काल के गाल में समा चुके हैं लेकिन मजाल है कि कोई सवाल खड़ा कर सके... वैसी ही स्थिति सागर जिले के खिमलासा क्षेत्र की भी है जहाँ गौवंश की गौचर भूमि पर अवैध कब्जा होने के नाते गौवंशों को सड़क हादसों का शिकार होना पड़ता है लेकिन मोहन सरकार में गौ माता की ही भूमि पर ही अवैध कब्जा किए है जिस विषय में हरिकिशन सेन की टीम अस्सी दफ़ा सागर जिले के प्रशासन को ज्ञापन दे चुके है वहीं पशुपालन मंत्री लखन पटेल के गृह जिले और उनकी निजी विधानसभा में भी सिद्ध पहाड़ी के पास गौचर भूमि पर सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कब्जा है जिसके चलते पथरिया क्षेत्र में गौमाता को सड़कों पर तो बेबस विचरण करना पड़ता ही है अब गौवंशों की रेल की पटरी पर मृत पड़े शरीर के दर्दनाक दृश्य देख कर भी क्या आपका दिल नहीं पसीजता जहाँ एक ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव गौवंश को लेकर बडी बडी बातें करते है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और निकलकर सामने आ रही है यहां के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते गौवंश भूख, प्यास और कड़कड़ाती ठंड से मर रहे है, आशा करते हैं कि इस समाचार के बाद प्रदेश के मुखिया मोहन यादव और पशुपालन मंत्री लखन पटेल इस गंभीर विषय की ओर जरूर संज्ञान लेंगे...

वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=5F2mD4rN1lE



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