खुशियों और परिवार के साथ बिताए गए अनमोल लम्हों का उत्सव लोहड़ी और मकर संक्रांति
अब बात करते हैं सबसे पहले लोहड़ी की। सोचिए, सर्द रात, जलती हुई अलाव, और चारों तरफ दोस्त-परिवार के साथ भांगड़ा-गिद्दा। ऐसा लगता है जैसे ठंड ने भी गर्मजोशी के आगे हार मान ली हो। लोहड़ी का त्योहार हमें यह सिखाता है कि मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है, और फसल कटाई के इस जश्न में मूंगफली, रेवड़ी और तिल-गुड़ का स्वाद तो बस कमाल का होता है।
वैसे, दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि अलाव के चारों ओर नाचते हुए हम इतने खुश क्यों होते हैं? क्योंकि ये सिर्फ नाच नहीं, हमारी जिंदगी के छोटे-छोटे संघर्षों को सेलिब्रेट करने का तरीका है। और ये रेवड़ी और तिल क्या है? हमारे रिश्तों की मिठास का प्रतीक!
अब बात करते हैं मकर संक्रांति की। ये दिन है सूरज के मकर राशि में प्रवेश करने का और नए अध्याय की शुरुआत करने का। लेकिन दोस्तों, मकर संक्रांति में सबसे खास क्या होता है? पतंगबाजी!
कभी-कभी लगता है पतंग उड़ा कर हम सिर्फ आसमान में रंग नहीं भरते, बल्कि अपनी चिंताओं को भी काट-काटकर गिरा देते हैं। और वो 'काई पो छे!' चिल्लाने का मज़ा तो बस वही जानता है जिसने दूसरों की पतंग काटी हो।
दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि लोहड़ी और मकर संक्रांति सिर्फ परंपराएं नहीं हैं, बल्कि ये हमें प्रकृति के करीब लाने का तरीका भी हैं? जैसे लोहड़ी हमें फसलों के महत्व का एहसास कराती है, वैसे मकर संक्रांति हमें सूर्य के महत्व और उसकी ऊर्जा को सराहने का मौका देती है।
अब जरा सोचिए, अगर हम इन त्योहारों को थोड़ा और खास बना लें? जैसे इस बार पतंग उड़ाने के साथ-साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखें - पेपर पतंग का इस्तेमाल करें और आसमान में खुशी के साथ सफाई भी बरकरार रखें।
तो दोस्तों, इस लोहड़ी और मकर संक्रांति पर खुद को और दूसरों को खुश करने का संकल्प लें। मिठास बांटें, पतंग उड़ाएं और अपने परिवार के साथ यादगार पल बिताएं।
वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=fVJfkQHyN4g
0 Comments