Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

क्या मोहन सरकार के मंत्री मंडल में होने जा रहा है बदलाव, क्या वरिष्ठ विधायकों को मिलेगा मौका?

 क्या मोहन सरकार के मंत्री मंडल में होने जा रहा है बदलाव, क्या वरिष्ठ विधायकों को मिलेगा मौका? 

सैंया भए कोतवाल, अब डर काहे का यह पंक्तियाँ मोहन सरकार के दो मंत्रियों पर सटीक बैठ रही है, मोहन सरकार के दो मंत्री कागजी मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं एक मंत्री अपनी जमीन जायदाद के लिए तो दूसरे मंत्री अपने जाति प्रमाण पत्र को लेकर फंस चुके हैं और ऐसे में मध्य प्रदेश में खलबली मच गई है जिसके साथ ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं भी शुरू हो गई है क्योंकि वैसे ही राम निवास रावत के जाने से वन मंत्री पद खाली है और ऐसे में इंतजार बस इस बात का है कि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मध्य प्रदेश में मंत्रियों के कार्यभार को दीर्घीकृत करना है या बदलाव होना है, आइये जानते है मध्य प्रदेश की मोहन कैबिनेट के कौन-कौन से मंत्री मुश्किल में आने वाले हैं उनकी बात कर लेते हैं मध्य प्रदेश सरकार के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की संपत्ति पर भी सवाल खड़े हो गए है। करीब 195 एकड़ जमीन की जाँच हो रही है इसमें 50 एकड़ के करीब वह जमीन भी है जो गोविंद सिंह राजपूत, उनकी पत्नी और बेटे को दान में दी गई या उन्हें बेची गई थी, आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के लेन-देन को रोकने वाले कानून के तहत इन जमीनों की जांच शुरू की है। जब इसकी शिकायत हुई तो रिश्तेदारों ने जो जमीन मंत्री व उनकी पत्नी को दान में दी थी उसे वापस कर दिया गया। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति संव्यवहार प्रतिषेध अधिनियम 1988 की धारा-21 के तहत जानकारी मांगी थी, कहा तो यह भी जाता है कि जहां तक नजर जाए वहां तक गोविंद सिंह राजपूत और उनके परिजनों की जमीन नजर आए वैसे चर्चाओं का दौर गर्म है कि बंडा के पूर्व विधायक हरवंश राठौर के घर आयकर विभाग के छापे के बाद अगला नंबर किसका होगा... 

वैसे कागजी दस्तावेजों के जाल में फंसने वाले दूसरे मंत्री हैं कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री गौतम टेटवाल यह मंत्री अपने जाति प्रमाण पत्र के कारण मुश्किल में आ गए है प्रमाण पत्र की जांच समिति ने तो गौतम टेटवाल को क्लीन चिट भी दे दी थी लेकिन कोर्ट में सवाल खड़े होने पर जाँच समिति के साथ साथ सवाल मोहन सरकार से भी किया जा रहा है इसे देखकर तो साफ कहा जा सकता है कि गौतम टेटवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है अब देखना दिलचस्प होगा कि फरवरी के दूसरे हफ्ते में मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार में इन दौनो मंत्रियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई होगी या पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को नज़र अंदाज़ करके उन्हें अपमान का घूँट पीकर पार्टी की गाइड लाइन पर ही चलना होगा..

वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=w7S6eeN1Xw8

Post a Comment

0 Comments