बीना विधायक निर्मला सप्रे का चलता अंधा कानून, आखिर के संरक्षण में चुनाव आयोग से लेकर न्यायालय को किया दरकिनार
इधर चला में उधर चला जाने कहाँ मैं किधर चला यह गीत सागर जिले की बीना विधानसभा पर लागू होता है दरअसल बीना विधानसभा में जहां बीना विधायक भाजपा में शामिल तो हो गई है लेकिन उन्होंने अभी तक कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है वहीं कुछ दिन पूर्व बीना आए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निर्मला सप्रे पर निशाना साधते हुए कहा था कि निर्मला सप्रे को हार का डर है इसलिए वह इस्तीफा नहीं दे रही है। हालांकि कांग्रेसियों ने भी विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से निर्मला सप्रे के इस्तीफे की मांग की थी और उन्हें नोटिस भी जारी किए गए थे वहीं निर्मला सप्रे का कहना है कि वह अभी भी कांग्रेस में है अब अगर वह कांग्रेस में है तो फिर वह भाजपा के लिए सदस्य क्यों जोड़ रही है। सागर नगर अध्यक्ष बने श्याम तिवारी के स्वागत पोस्टर में सागर जिले के सभी जन प्रतिनिधियों को तो स्थान मिला लेकिन निर्मला सप्रे को स्थान नहीं दिया गया या कहें नज़र अंदाज कर दिया गया बहरहाल राजनैतिक गलियारों में तो यह भी चर्चा है कि निर्मला सप्रे भी राजनीति के खेल में माहिर हैं वो बीना जिला बनाने का लॉलीपॉप दिखा कर जनमत लेना चाहती थी लेकिन परीसीमन के चलते विधायक निर्मला सप्रे का सपना सपना ही रह गया, क्योंकि वन मंत्री राम निवास रावत की हार के बाद विधायक निर्मला सप्रे को भी उपचुनाव नाम से भय लगने लगा है, वैसे सवाल यह भी उठता है कि निर्मला सप्रे को आखिर किसी का संरक्षण प्राप्त है जिससे निर्मला सप्रे चुनाव आयोग से लेकर माननीय न्यायालय के नियमों की अवहेलना करती नज़र आ रही है...
वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=5LLsln48RnY
0 Comments