50 से अधिक देशों में होगा हिन्दी ओलंपियाड
विश्वरंग पर काव्य एवं साहित्यिक संगोष्ठी संम्पन्न
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में आईसेक्ट विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय मुख्यालय में एक साहित्यिक एवं काव्य गोष्ठी का गरिमामय आयोजन किया गया। इस अवसर पर रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल एवं वनमाली सृजन पीठ के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले विश्व रंग फाउंडेशन तथा विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड के पोस्टर का विमोचन किया गया।
संगोष्ठी में विंध्य क्षेत्र की वरिष्ठ रचनाकार डॉ वर्षा सिंह, शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रचना श्रीवास्तव, अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ गीता सिंह ,वनमाली सृजन पीठ के जिला इकाई के संयोजक डॉ मुकेश येंगल, रचनाकार सीमा रानी झा, डॉ अरुण पाठक एवं आईसेक्ट आईसेक्ट ग्रुप के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण तिवारी सहित नगर के गणमान्य साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे
विंध्य क्षेत्र के उपस्थित रचनाकारों द्वारा रचना पाठ से पूर्व आईसेक्ट ग्रुप के संभागीय अधिकारी श्री प्रवीण तिवारी द्वारा विश्व रंग अंतर्राष्ट्रीय के हिंदी ओलंपियाड से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। वनमाली सृजन पीठ के रीवा इकाई के संयोजक एवं विंध्य क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी व शिक्षाविद डॉक्टर मुकेश येंगल द्वारा सृजन पीठ के संबंध में तथा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व रंग की विश्व व्यापी सोच के जनक वैज्ञानिक, चिंतक संतोष चौबे जी के द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार देश के साहित्य, संगीत, लोकगीत, लोक रचनाएं ,लोक परंपराएं आदि बातों को समाहित कर विज्ञान को भी साथ लेकर भारतीय युवाओं को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करने की जो कोशिश हो रही है। वह निश्चित तौर पर अत्यधिक प्रशंसनीय है।
संगोष्ठी में वरिष्ठ रचनाकार डॉ वर्षा सिंह द्वारा आत्मीय संबंधों को लेकर अपनी काव्य रचना प्रस्तुत की गई। जिसमें उन्होंने समाज परिवार और समाज के अंतर संबंधों की भी व्याख्या की। रचनाकार श्रीमती सीमा रानी झा द्वारा प्रेम संबंधों और बिखराव को लेकर बनती बिगड़ती परिस्थितियों से संबंधित रचना का पाठ किया गया ।जबकि डॉक्टर अरुण पाठक द्वारा राष्ट्रभक्ति से उत्प्रोत रचना का पाठ किया गया।
संगोष्ठी में समाजशास्त्री डॉक्टर रचना श्रीवास्तव ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी को अपनी मातृभाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए सतत् प्रयास करना चाहिए। शिक्षाविद् डॉ गीता सिंह ने सभी के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन प्रवीण तिवारी जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर दीपक पाठक, अंकित गौतम, हेमा मिश्रा, उमेश बारी, शिरिष तिवारी, राकेश द्विवेदी, बृजेन्द्र मिश्रा, आशीष त्रिपाठी सहित अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
संवाददाता - आशीष सोनी
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