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आखिर कब कसेगा गौतस्करों पर शिकंजा, दिनों दिन फैल रहा कारोबार

 आखिर कब कसेगा गौतस्करों पर शिकंजा, दिनों दिन फैल रहा कारोबार


टीकमगढ़ जिले में जानवरों की तस्करी पर कड़ा सवाल: कब होगी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई? कई कर्मचारी हो सकते हैं लिप्त

टीकमगढ़:- बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में जानवरों की तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। जिले में सक्रिय तस्करी रैकेट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इन रैकेट्स का कनेक्शन कुछ सरकारी कर्मचारियों से भी जुड़ा हो सकता है। जबकि ईमानदार पुलिस अधीक्षक जिले में तस्करी रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, इस गंभीर अपराध के खिलाफ कार्रवाई अब तक प्रभावी ढंग से नहीं हो पाई है।

सूत्रों के अनुसार, टीकमगढ़ जिले में जानवरों की तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से पशुओं को अवैध रूप से एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन तस्करों के नेटवर्क में शामिल कई लोग प्रभावशाली होते हुए विभागीय अधिकारियों से सहयोग प्राप्त करते हैं, जिससे मामला दबता जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारी भी इस तस्करी रैकेट में शामिल हो सकते हैं, जिससे तस्करों के खिलाफ ठोस कार्रवाई में अड़चनें उत्पन्न हो रही हैं।

जिला पुलिस के मुखिया पुलिस अधीक्षक के लिए चुनौती

टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक, जो खुद ईमानदार और कड़े अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं, इस समस्या से निपटने के लिए कई बार कदम उठाने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि, उन्हें स्थानीय तस्करों और विभागीय सहयोगियों के कारण कई बार रुकावटों का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद, पुलिस अधीक्षक का कहना है कि वे इस मामले पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएंगे।

पशु प्रेमियों की चिंता और मांग

टीकमगढ़ जिले के पशु प्रेमी संगठन और स्थानीय नागरिक अब इस मुद्दे को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि तस्करी पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो यह न केवल पशु क्रूरता को बढ़ावा देगा, बल्कि जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति भी प्रभावित होगी। नागरिकों का कहना है कि कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन कार्रवाई की कमी की वजह से अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।

आगे की राह

टीकमगढ़ जिले में इस मुद्दे के समाधान के लिए पशु अधिकार संगठन और स्थानीय नेताओं ने प्रशासन से त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इसके लिए विभागीय भ्रष्टाचार को भी रोकने की आवश्यकता है, ताकि जानवरों की तस्करी को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।

आधी रात बजरंगदल ने पकड़ा था गौवंश से भरा ट्रक 

बीते साल 2024 के दिसंबर माह में बजरंग दल खरगापुर के कार्यकर्ताओं ने रात करीब 12 बजे एक गौवंश से भरे ट्रक की सूचना के आधार पर पीछा करते हुए खरगापुर पुलिस को पकड़वाया था।

 इनका कहना है। 

शासन प्रशासन को समस्त गतिविधियां पता है। और इस पूरे मामले में कहीं न कहीं जो जिला मुख्यालय के नीचे बैठे प्रशासन के कर्मचारी पदाधिकारियों की मिलीभगत नजर आ रही है, क्योंकि जब तक लंका में भेदी न हो तब तक लंका नहीं ढह सकती।

अगर आगे भी इसी तरह चलता रहा तो विहिप बजरंग दल समूचे जिले के थानों में धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य रहेगी।

राजेंद्र राजा परमार, जिला मंत्री विश्व हिंदू परिषद टीकमगढ़

अब यह देखना होगा कि पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कब सख्त कदम उठाती है और जानवरों की तस्करी को रोकने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाई जाती है।

संवाददाता : मुहम्मद ख्वाजा 

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