नगरीय क्षेत्र में इन दिनों रोजाना आधा सैकड़ा से अधिक मवेशी तोड़ रहे दम
भूसा-चारा एवं पानी के अभाव में इन दिनों मवेशियों के मरने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि इन दिनों रोजाना करीब आधा सैकड़ा से अधिक मवेशी काल के गाल में समा जा रहे हैं। ननि के अधिकारियों ने मवेशियों के अकाल मरने की पुष्टि की है।
दरअसल नगरीय क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचलों में मवेशी खुलेआम सड़कों में विचरण कर रहे हैं। यहां तक कि मवेशियों का आतंक इतना बढ़ा था कि किसान सबसे ज्यादा परेशान थे। खेतों में झुण्ड बनाकर एक साथ पहुंच रहे हैं। हालांकि इन दिनों करीब-करीब फसलों की कटाई हो चुकी है। लेकिन सब्जियों की फसल का कारोबार जोर पकड़ा हुआ है। किसान बाड़ा बनाकर फसलों की रखवाली किसी तरह कर रहे हैं। लेकिन उसके लिए उन्हें रतजगा भी करनी पड़ती है। इधर शहरी अंचलों में मवेशी भूसा-चारा एवं पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। आलम यह है कि बलियरी एवं गनियारी के बीच रोजाना दर्जनों की संख्या में गाय, बैल व बछड़ों की मौत हो रही है। बताया जा रहा है कि पूरे नगरीय क्षेत्र में रोजाना आधा सैकड़ा से अधिक मवेशी गाय, बैल व बछड़ा काल के गाल में समा जा रहे हैं। जहां नगरीय क्षेत्र में मर रहे मवेशियों को दफनाने के लिए सीटाडेल कंपनी को भी काफी मसक्कत करनी पड़ रही है। मोहल्लों में मरे हुये मवेशियों का समय पर उठाव न होने से गत दिवस परिषद की बैठक में पार्षदों ने इसका मुद्दा उठाया था। जहां उपायुक्त ने बताया था कि इन दिनों आधा सैकड़ा से अधिक मवेशी दम तोड़ दे रहे हैं। जिसके चलते समय पर वाहन नही पहुंच पा रहा है। इधर सूत्र बताते हैं कि मवेशी चारा-भूसा एवं पानी के अभाव में मर रहे हैं। जबकि वार्ड में कई जगह गौशाला भी बनाया गया है, लेकिन इसके बावजूद भारी संख्या में बैढ़न शहर के विभिन्न मार्गो व कॉलनियों में विचरण करते नजर आते हैं।
संवाददाता- आशीष सोनी
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