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सिंगरौली आजीविका मिशन चितरंगी में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, अध्यक्ष ने की जांच की मांग!

 सिंगरौली आजीविका मिशन चितरंगी में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, अध्यक्ष ने की जांच की मांग


चितरंगी, सिंगरौली आजीविका मिशन के तहत महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। नई नियुक्त अध्यक्ष संपूलवा देवी ने आरोप लगाया है कि पूर्व में मिशन के फंड से चेक के जरिए नियम विरुद्ध रूप से व्यक्तिगत फर्मों और गैर-पात्र खातों में लाखों रुपए का भुगतान किया गया है भ्रष्टाचार की आशंका, जांच की मांग अध्यक्ष संपूलवा देवी ने कहा कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो इसमें कई बड़े खुलासे हो सकते हैं उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आजीविका मिशन की राशि सिर्फ पात्र हितग्राहियों तक ही पहुंचे विवादास्पद भुगतान का ब्यौरा चेक क्रमांक: 33147610 के माध्यम से कुल ₹24,55,000 का भुगतान निम्नलिखित खातों में किया गया: ₹15,00,000 — ग्राम समिति बड़कुड़, खाता संख्या: 490402010091357

₹3,00,000 — शारदा स्वयं सहायता समूह, खाता संख्या: 490402010091358

₹3,00,000 — सरस्वती स्व सहायता समूह, खाता संख्या: 490402010106376

₹3,000 — मुनक्का देवी, खाता संख्या: 490402120017778

₹3,000 — संपूलवा देवी (CLF बड़कुड़ अध्यक्ष), खाता संख्या: 490402010098715

₹3,00,000 — लक्ष्मी स्व सहायता समूह, खाता संख्या: 80044986992 इसके अतिरिक्त, चेक क्रमांक: 33219154 द्वारा ₹12,00,000 का भुगतान किया गया: रिचा खाद बीज भंडार, अमरपाटन, सतना के नाम पर

प्रशासन की भूमिका पर सवाल इन भुगतानों की प्रक्रिया में पारदर्शिता की भारी कमी दिखाई दे रही है अगर यह राशि व्यक्तिगत लाभ या फर्जी खातों में डाली गई है, तो यह न केवल मिशन के उद्देश्यों के विरुद्ध है, बल्कि एक आपराधिक कृत्य भी है प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे यह संदेह गहराता है कि कहीं पूरे सिस्टम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियाँ तो नहीं हो रही हैं जनता और अध्यक्ष की मांग 1. इस पूरे मामले की सीबीआई या ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) से निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराई जाए 2. जिन समूहों या व्यक्तियों को गैर-कानूनी भुगतान हुआ है, उनसे राशि वसूली की जाए 3. आजीविका मिशन से जुड़े सभी लेन-देन की ऑडिट करवाई जाए 4. दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और प्राथमिकी दर्ज हो

विशेष टिप्पणी:

चितरंगी में आजीविका मिशन से जुड़ा यह मामला केवल एक आर्थिक अनियमितता नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की आत्मा पर आघात है। जिन योजनाओं का उद्देश्य ज़रूरतमंदों को सहारा देना था, वे अब भ्रष्टाचार का शिकार हो रही हैं। यह न केवल प्रणालीगत विफलता को उजागर करता है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल उठाता है। जब सरकारी योजनाओं का पैसा पात्र हितग्राहियों तक न पहुँचकर फर्जी खातों में चला जाए, तो यह लोकतंत्र की बुनियाद को हिलाने जैसा है। नया नेतृत्व जांच की मांग कर रहा है, जो सराहनीय कदम है, लेकिन केवल मांगों से कुछ नहीं होगा। इस मामले की निष्पक्ष जांच, दोषियों की पहचान और कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। साथ ही, ऐसे मामलों से सबक लेकर निगरानी तंत्र को और अधिक पारदर्शी बनाना होगा। नहीं तो योजनाएं सिर्फ कागज़ों में ही रह जाएंगी। 

अब वक्त है कि शासन जवाबदेह बने।

संवाददाता : आशीष सोनी

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