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जनसुनवाई में बीजेपी नेता का हंगामा आवेदनों पर कार्रवाई न होने से अधिकारियों को जमकर सुनाई खरी-खोटी

 जनसुनवाई में बीजेपी नेता का हंगामा आवेदनों पर कार्रवाई न होने से अधिकारियों को जमकर सुनाई खरी-खोटी


मध्य प्रदेश के ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में खुद को बीजेपी मंडल में पदाधिकारी बताने वाले युवक ने जमकर हंगामा किया। आवेदनों पर कार्रवाई न होने से परेशान होकर अधिकारियों को ऊंची आवाज में खूब खरी खोटी सुनाई। हालांकि हंगामा बढ़ने पर सीनियर अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को संभाल लिया।

दरअसल, शहर के शंकरपुर इलाके में रहने वाला आरिफ खान ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा। जहां उसने अपने खरीद गए प्लाट की आरआई द्वारा जांच करने की मांग की थी। पहले भी उसने कई बार आवेदन दिए थे, लेकिन मंगलवार को जब एक बार फिर वह अपनी गुहार लेकर पहुंचा तो अधिकारियों ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर रफादफा कर दिया। जिसे सुनकर आरिफ खान आग बबूला हो गया और जनसुनवाई करने बैठे सभी एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर को खूब खरी खोटी सुनाई।

ये है पूरा मामला

इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और उसके बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया वह मौके पर पहुंचे और उसकी परेशानी को सुना। आरिफ ने बताया कि वह शंकरपुर इलाके में रहता है। उसके पिता जुम्मा खान ने 785 वर्ग फुट का एक मकान कल्याण बाग लक्ष्मीपुरम में खरीदा था। पिता का निधन होने के दौरान उसकी उम्र कम थी। इस दौरान धनतीबाई जाटव को मकान किराए पर दे दिया। उम्र कम होने के चलते बीच मे कई सालों तक वह उस मकान पर नहीं गया, लेकिन अब जब वह मकान खाली करवाने की कहने गया तो धनतीबाई ने जलील खान नाम के व्यक्ति से मकान की रजिस्ट्री करवाकर उसे खरीदने की बात कही।

फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप

कूटरचित तरीके से उसके मकान की फर्जी रजिस्ट्री कराने का आरोप आरिफ ने लगाया है। उसका कहना है कि मकान की ओरिजनल रजिस्ट्री उसके पास है। ऐसे में थाने में दिए आवेदन पर थाना प्रभारी ने एसडीएम बहोड़ापुर के लिए आवेदन भेज दिया। SDM कार्यालय से आरआई से जांच रिपोर्ट मांगी गई। लेकिन आरआई जांच के लिए मौके पर नहीं जा रहा है।

आरआई पर रिश्वत मांगने का लगाया आरोप

आरिफ का आरोप है कि जांच करने आने के एवज में आरआई की ओर से रिश्वत की मांग की जा रही है। वह खुद BJP के मंडल में पदाधिकारी है। उसके बावजूद अधिकारी कार्रवाई न करते हुए सिर्फ जल्द कार्रवाई करवाने का आश्वासन दे रहे है। जिससे वह तंग आ गया है। ऐसे में वह अब अपने कार्यकर्ताओं और परिवारजनों के साथ धरना देने मजबूर हो गया है। हालांकि इस पूरे मामले में कलेक्टर रुचिका चौहान ने दोनों पक्षों को बुलाकर उनके जमीन दस्तावेजों की जांच करवाने की बात कही है।

संवाददाता :- आशीष सोनी 

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