लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के निविदाओं में गड़बड़झाला का मामला पकड़ा तूल कार्यपालन यंत्री को हटाने की मांग हुई तेज, जांच से खुलेंगे कई राज
पीएचई सिंगरौली में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2020 से लेकर अब तक निविदाओं में व्यापक तौर पर खेला किये जाने का मामला इन दिनों तूल पकड़ा हुआ है। विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी उक्त मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं।
गौरतलब है कि पीएचई सिंगरौली में तत्कालीन ईई त्रिलोक सिंह बरकड़े पर आमंत्रित निविदाओ में घपलेबाजी करने के आरोप हैं। प्रमुख सचिव भोपाल एवं मुख्य अभियंता जबलपुर के पत्राचार से इस तरह का भेद खुला है। आरोप है कि जल जीवन मिशन की निविदाओं में ईई ने व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की है। मामला उजागर होने के बाद विपक्षी दलों के नेता कार्यपालन यंत्री को तत्काल हटाने एवं स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराये जाने की मांग तेज कर दिया और अब ईई एवं प्रदेश सरकार की पीएचई मंत्री पर गंभीर आरोप लगाये जा रहे हैं।
पीएचई में व्यापक भ्रष्टाचार, सीबीआई से हो जांच: ज्ञानेन्द्र
जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण के जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र द्विवेदी का कहना है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सिंगरौली में जल जीवन मिशन के तहत व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस घोटाले की निष्पक्ष जांच हो तो कई चौकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं। पीएचई कार्यपालन यंत्री त्रिलोक सिंह के कार्यकाल में पिछले 2020 के बाद से जितनी भी पीएचई में निविदाएं निकाली गई हंै, सब में कुछ न कुछ त्रुटियां हैं और मामले को दबाया जा रहा है। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर सरकार कार्रवाई करने लगती है। उन्हेंने उक्त मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
संवाददाता :- आशीष सोनी
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