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ट्रामा सेंटर में नर्स ने मरीज को गवार कह, की अपमानित सिविल सर्जन से हुई शिकायत दिए वार्निंग

 ट्रामा सेंटर में नर्स ने मरीज को गवार कह, की अपमानित सिविल सर्जन से हुई शिकायत दिए वार्निंग



मध्य प्रदेश सिंगरौली का जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर जिम्मेदारों की नाकामी और स्टाफ के ड्रामा को लेकर इन दिनों सुर्खियों में है।

जहां एक मामला खत्म नहीं होता कि दुसरा सामने आ जाता है।

मिली जनकारी के मुताबिक- पीड़िता ने बताया कि,हम डिलेवरी मरीज़ लेकर प्रशव के लिए ट्रामा सेंटर आए थे,जहां 03 जुलाई 2025 को समय साम 04:00 बजे ही डिलेवरी हो गई,जिसके बाद मरीज़ को रात भर हॉस्पिटल में ही रखा गया,फिर दूसरे दिन समय लगभग 12:00 बजे नर्स के पास छुट्टी मांगने गए तो बोली कि बच्चे को  टीका लगवा के आओ फिर  छुट्टी मिलेगी इसके बाद मैंने टीकाकरण कक्ष में बच्चे को टीका लगवाने गयी तो टीकाकरण कक्ष में ताला लगा मिला वहीं पर मौजूद व्यक्तियों से पूछे तो बताया गया कि बंद हो गया अब कल खुलेगा फिर नर्स को आकर बताई तो उन्होंने कहा कि आज रुको अब कल छुट्टी मिलेगी। 

फिर दूसरे दिन बच्चे को टीका लगवाने के बाद छुट्टी मागने गई तो, 

 ट्रामा सेंटर में पदस्थ अशिक्षित,असंस्कारी अंकिता नाम की चश्मा लगाए हुई बैठी अपने थोबड़े के गुमान में चूर नर्स ने

 हमे जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गवार कह अपमानित कर अपने चेंबर से बाहर निकाल दी।

सिविल सर्जन से हुई शिकायत दिये वार्निंग-

पीड़िता ने बताया कि,इसकी शिकायत मैंने सिविल सर्जन से की तो सिविल सर्जन द्वारा अशिक्षित असंस्कारी नर्स को डांट फटकार लगाते हुए कहा गया कि हमें पता है कि हमारी नर्सें मरीजों से अच्छे से बात नहीं करतीं हमे सफ़ाई मत दो तीन महीने और रहना है मुझे ये आख़िरी वार्निंग है अगर दुबारा ऐसी शिकायत आई तो कार्यवाही कर दूंगा ध्यान रहे।

सिविल सर्जन को झंडू बाम समझते हैं उन्हीं के स्टाफ-

पीड़िता का कहना है कि, सिविल सर्जन के इसी संवेदनशीलता फायदा उठाते हुए,उनके स्टाफ फायदा उठाते हुए मनमानी करते हैं अगर सिविल सर्जन अपनी जिम्मेदारी बेखुबी निभाते तो आज ये नतीजा नहीं होता और ना ही स्टाफ की मनमानी से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता।

सवाल यह है कि, सरकार गरीबों के लिए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था की है, 

तो क्या जो लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने जाते हैं वो सब गमार हैं?

 या फिर  भाजपा के शासनकाल में गरीब होना पाप है।

अभी तक तो सरकारी अस्पतालों में गरीबों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिल रही थी अब तो उन्हें अपमानित भी होना पड़ रहा है।

ऐसी स्थिति में बेचारे गरीब जाएं तो जाएं  कहां?

अब देखना यह होगा कि,गरीबों का अपमान करने वाली अशिक्षित असंस्कारी नर्स के प्रति कोई कार्यवाही होती या ऐसे ही बेचारे गरीब अपमानित होते रहेंगे।

संवाददाता : आशीष सोनी 

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