निविदाओं के आड़ में लाखों-करोड़ों रूपये का खेला, प्रमुख सचिव के पत्रों का भी नही दिया जवाब
स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सिंगरौली में दर्जन भर से ऊपर के आमंत्रित निविदाओं में व्यापक पैमाने पर हेरफेर किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। प्रमुख सचिव के द्वारा करीब एक दर्जन वार स्मरण पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई। लेकिन प्रमुख सचिव एवं मुख्य अभियंता के पत्रों का जवाब नही दिया गया। मामला जल जीवन मिशन से जुड़ा है।
दरअसल जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सिंगरौली भ्रष्टाचार का केन्द्र बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2020 से लेकर अब तक करीब-करीब जितनी भी निविदाएं आमंत्रित की गई है, उनमें अनियमितता की भारी बू आ रही है। इस तरह के आरोप आम आदमी व विपक्षी दल के नेता नही लगा रहे, बल्कि प्रमुख सचिव पीएचई भोपाल एवं मुख्य अभियंता पीएचई जबलपुर परिक्षेत्र से जारी पत्राचार से पता चला है। 16 मई को मुख्य अभियंता पीएचई जबलपुर परिक्षेत्र के द्वारा एसएल धुर्वे अधीक्षण यंत्री एवं त्रिलोक सिंह बरकड़े कार्यपालन यंत्री को अर्द्धशासकीय आवश्यक पत्र जारी हुआ। जिसमें निर्देश जारी किया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पीएचई खण्ड सिंगरौली में नल जल प्रदाय योजनाओं के रेट्रोफिटिंग कार्यो के लिए आमंत्रित निविदाओं में भारी अनियमितता की गई है। जिसमें 2024 से लगातार स्मरण पत्र जारी कर प्रमुख सचिव के द्वारा जानकारी मांगी जा रही है। लेकिन अभी तक पीएचई के द्वारा उक्त पत्राचार का कोई जवाब नही दिया गया है। जबकि 8 मई को प्रमुख सचिव के द्वारा जारी पत्र में एक सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया था, किंतु सूत्र बताते हैं कि अभी तक जानकारी नही दी गई, बल्कि उक्त पत्र को ठण्डेबस्ते में डाल दिया गया है। वही मौजूदा कार्यपालन यंत्री की अब धीरे-धीरे प्याज के छिलको की तरह परत दर परत काली करतूतो का भेद खुलने लगा है। साथ ही चर्चा है कि कार्यपालन यंत्री पर किस नेता का संरक्षण मिला है। इतने गंभीर आरोप के बाद भी निलंबन के 13 दिन के अंदर बहाली कर जिस जिले में आरोप घिरे थे, वही पर पदस्थापना कर दी गई।
प्रमुख सचिव भी नही कर पा रहे कार्रवाई
पीएचई कार्यपालन यंत्री सिंगरौली पर कौन इतना मेहरवान है और निविदाओं में गड़बड़ी होने के बावजूद अब तक कार्रवाई न होना कहीं न कहीं प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है। सूत्र बता रहे हैं कि प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी भोपाल भी मजबूर है। उनके कार्यालय से जारी कई पत्र इस बात का प्रमाण है कि प्रमुख सचिव कार्यपालन यंत्री पर कार्रवाई करना चाहते हैं, लेकिन कहीं न कहीं सफेद पोशधारियों का कृपा बरस जा रही है। चर्चा यहां तक है कि कार्यपालन यंत्री अपने आप को एक मंत्री का रिश्तेदार बताता है।
इन आमंत्रित निविदाओं से जुड़ा है मामला
प्रमुख सचिव पीएचई भोपाल के यहां शिकायत पहुंची थी कि खण्ड सिंगरौली में आमंत्रित निविदा क्रमांक 135352, 135385, 135387 एवं 135388 में सिंगरौली खण्डस्तरीय निविदा समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों के द्वारा त्रुटी पूर्ण निविदा स्वीकृत करने वाले उत्तरदायी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश कई बार दिये जा चुके हैं। लेकिन उसका कोई जवाब नही आया। 16 मई को प्रमुख अभियंता पीएचई जबलपुर में अधीक्षण यंत्री रीवा एवं कार्यपालन यंत्री सिंगरौली को अंतिम बार निर्देश देते हुये कहा कि गठित तीन सदस्यीय जांच समिति के सदस्यों एवं खण्ड स्तरीय निविदा समिति के सदस्यों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव अपने सटीक एवं स्पष्ट अभिमत सहित 20 मई तक दें, लेकिन सूत्र बताते हैं कि उक्त को ठण्डेबस्ते में डाल दिया गया और कार्रवाई का कोई रतापता नही चल रहा है।
संवाददाता :-आशीष सोनी
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