सरकारी स्कूलों में डर के साए में पढ़ रहे बच्चे: स्कूल के छत में गिट्टी की जगह निकल रहे ईंट के टुकड़े, मरम्मत के नाम पर फूंक दिए लाखों रुपए
2015 में हुआ था स्कूल भवन का निर्माण
जिले के करंजिया विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत हाल ही में सिंगार सत्ती के माध्यमिक शाला में स्कूल का बरामदा धराशाई हो गया था तो वहीं दूसरी ओर रैतवार गांव स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल की तस्वीर भी देख लीजिए। जहां कक्षा 9 वीं से बारहवीं तक करीब 200 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। जानकारी अनुसार 2015 में करीब 95 लाख की लागत से भवन का निर्माण हुआ था। लेकिन स्कूल भवन में जगह जगह से रिसाव हो रहा है। हालात ऐसे हैं कि स्कूल के कई कमरे जर्जर होने के कारण बच्चों को बरामदे में बैठाया जा रहा है।
स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि कुछ साल पहले जानकारी लगी थी भवन का मेंटीनेंस करवाया गया है, लेकिन बिना मेंटेनेंस के लाखों रुपए खर्च हो गए। प्रिंसिपल खुद स्कूल के छत का लेंटर दिखाते हुए दावा कर रही है कि लेंटर में गिट्टी की जगह ईंट भर दिया गया है, जो कि तस्वीरें साफ बयां कर रही है कि कैसे छत में घास लगी है और लेंटर में ईंट के टुकड़े दिखाई दे रहे है। अब इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि स्कूल की मरम्मत कैसे हुआ और लाखों रुपए कहां खर्च हो गए।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष अंजू ब्यौहार ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि जिले भर में स्कूल भवनों में मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। करोड़ों रुपए खर्च हो गए, बावजूद स्कूल जर्जर हैं। वहीं मामले में इलाके के तहसीलदार जांच कराने की बात कहते नजर आए।
प्रिंसिपल से लेकर तमाम लोगों ने इस बात की शिकायत अलग-अलग फोरम पर की लेकिन तमाम शिकायत और जद्दोजहद के बावजूद हालात के जस के तस है। सवाल उठता है कि वे कौन लोग हैं और किसकी सह से इस तरह से खुलेआम आंख में मिर्ची डालने का काम किया जा रहा है।
संवाददाता :आशीष सोनी
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